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Shubh_writes
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अक्सर आकर बैठ जाता जमीं पर मुझसे मेरा बचपन भुलाया ना जाता किसी बहाने कभी किनारे,कभी सिरहाने कभी जाने अंजाने रास्तों मुझे मिल ही जाता ©Shubh_writes
12 Love
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मसरूफ़ सी जिंदगी है,बेहिसाब हसरते ना पालिये वक्त से बेवक्त,'वक्त' मांगकर लम्हों में जी डालिए । - Shubh_writes ©Shubh_writes
14 Love
मसरूफ़ सी जिंदगी है,बेहिसाब हसरते ना पालिये वक्त से बेवक्त,'वक्त' मांगकर लम्हों में जी डालिए । ©Shubh_writes
11 Love
मझधार में फसें है, साहिल का नही पता। राह तो चल रहे है, मंज़िल का नही पता। मगर यकीन है तोड़ेंगे गुमान तेरा भी ऐ - मुकद्दर उम्मीद से वाबस्ता है मेहनत से खता नहीं। ✒️_Shubh_writes ©Shubh_writes
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