हमपे इतनी वफादारी,, निभाना नहीं आता
झूठी बातों पे हाँ में हाँ,, मिलाना नहीं आता
और इतना शौक़ है तो कोई,, खिलौना ले आइये
हमें हर बात पे गर्दन,, हिलाना नहीं आता
डरो न इम्तिहां से बुलंदियों को पाना सीखो
करो टोटके मेहनत के बुज़दिली भगाना सीखो
इतने जमाओ कदम के आंधियां न कुछ उखाड़ सकें
चीर डालो ज़मीन को आसमाँ कदमों में लाना सीखो
तुम्हें इन हदों से आगे हम निकलने नहीं देगें
तुम्हारे फैसले हरगिज़ हम बदलने नहीं देगें
हर ज़ुबान पे होगें तुम्हारे कसीदे तुम्हारे बाद
ऐ राहत तुम्हें हम कभी मरने नहीं देगें
दिल रो रहा है आसमाँ में गम के बादल छाये हैं
ए खदा हम कैसी मुश्किल में घिर आये हैं
लौटा दे हमे तौफीक ए ज़मात देख शर्मिन्दा हैं मौला
ये तेरे गुनाहगार बन्दे तेरे दरपे लौट आये हैं
Mohd.Zeeshan Firozabadi
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