White खाली हाथ आए और खाली हाथ जाना है।
एक इम्तिहान जिसमें रिजल्ट नहीं आना है।
और इश्क बड़े दिलेरी का खेल है जिसमें।
दर्द भी झेलना है और आंसू भी छुपाना है।
ये अजीब है पतंग का डोर हाथ में है मगर।
उसे पाना जैसे तूफान में चराग़ जलाना हैं।
हाथ गर काट लू तो शर्त जीत जाऊंगा मैं।
मगर शर्त ये है कि हाथों से पांव दबाना है।
दुनिया से,आज तक यही सीखा है हमने।
मोहब्बत बचे या न बचे,इज्जत बचना है।
उसके लिए गजल लिख क्या करोगे विशाल।
उसे गजल सुनाना उसके आगे बिन बजाना है।
©VISHAL VAIRAJ
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