मनोज कुमार झा

मनोज कुमार झा "मनु"

शिक्षक, कवि, घुमक्कड़

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किसी दिन यदि मैं चाय के लिए मना करूं तो। तुम "ज्यादा बन गई है"यह कह कर पिला देना।। ©मनोज कुमार झा "मनु"

#कविता #eveningtea  किसी दिन यदि मैं चाय के लिए मना करूं तो।
तुम "ज्यादा बन गई है"यह कह कर पिला देना।।

©मनोज कुमार झा "मनु"

#eveningtea किसी दिन यदि मैं चाय के लिए मना करूं तो। तुम "ज्यादा बन गई है"यह कह कर पिला देना।।

12 Love

हे कृष्ण! कहां हो तुम! देखो माँ यमुना का हाल। श्वेत फेन से बह रहे हैं विकराल। दूषित इतनी की आचमन तक नहीं कर सकते। बोलो! कब आओगे । कब सुध लोगो। कब? हे कृष्ण! ©मनोज कुमार झा "मनु"

#भक्ति #यमुना #riverside  हे कृष्ण! 
कहां हो तुम!
देखो माँ यमुना का हाल।
श्वेत फेन से बह रहे हैं विकराल।
दूषित इतनी की आचमन तक नहीं कर सकते।
बोलो!
कब आओगे ।
कब सुध लोगो।
कब?
हे कृष्ण!

©मनोज कुमार झा "मनु"

#riverside हे कृष्ण #यमुना

14 Love

New Year 2024-25 सनातन हिन्दू वैदिक संस्कृति में सभी मत पंथों का समान रूप से आदर है। यद्यपि नववर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा है, तथापि आंग्ल नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ । नव-उल्लास ! नव-विचार ! नवोत्साह ! नव-उमंग ! नव-ऊर्जा ! नववर्षम् शुभम् भवतु !! "नूतनवर्षस्य शुभाशयाः। ईश्वरः सर्वेभ्यः सुखं, स्वास्थ्यं, सौख्यं च ददातु। सर्वेषां जीवनं सफलं, समृद्धं च भवतु । नववर्षं मंगलमयम् अस्तु। ©मनोज कुमार झा "मनु"

#विचार #Newyear2024  New Year 2024-25 सनातन हिन्दू वैदिक संस्कृति में सभी मत पंथों का समान रूप से आदर है। 
यद्यपि नववर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा है, 
तथापि आंग्ल नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ । 

नव-उल्लास ! नव-विचार ! 
नवोत्साह ! नव-उमंग ! 
नव-ऊर्जा ! नववर्षम् शुभम् भवतु !! 

"नूतनवर्षस्य शुभाशयाः।
ईश्वरः सर्वेभ्यः सुखं, स्वास्थ्यं, सौख्यं च ददातु।
सर्वेषां जीवनं सफलं, समृद्धं च भवतु ।
नववर्षं मंगलमयम् अस्तु।

©मनोज कुमार झा "मनु"

सनातन हिन्दू वैदिक संस्कृति में सभी मत पंथों का समान रूप से आदर है। यद्यपि नववर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा है, तथापि आंग्ल नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ । नव-उल्लास ! नव-विचार ! नवोत्साह ! नव-उमंग ! नव-ऊर्जा ! नववर्षम् शुभम् भवतु !!

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दिसंबर का महीना तुम्हीं आकर के अब बचा लो मुझे, बहुत कम बचा हूं दिसम्बर की तरह।। ©मनोज कुमार झा "मनु"

#december #लव  दिसंबर का महीना  तुम्हीं आकर के अब बचा लो मुझे,
बहुत कम बचा हूं दिसम्बर की तरह।।

©मनोज कुमार झा "मनु"

#december तुम्हीं आ जाओ

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Unsplash कौन कितने पानी में है सब दिखाई दे रहा है। सबका दिखावा अच्छे से हमें दिखाई दे रहा है।। समय बदला तो जो मूक थे वो भी बोल रहे हैं, मेरी बुराई पर बहरों को भी सुनाई दे रहा है।। जो गलत है उसको भी सही कह रहे हैं लोग, लगता है कि वो उसकी चमचागिरी कर रहा है।। जो कह रहा था चार दिन से मोबाइल नहीं छुआ, वो चार दिन से ही ऑनलाइन दिखाई दे रहा है।। कितने कमाल के लोगों से रोज मिलते हो "मनु" ये बताओ तुम्हें ये सब कैसे दिखाई दे रहा है।। ©मनोज कुमार झा "मनु"

#leafbook #लव  Unsplash कौन कितने पानी में है सब दिखाई दे रहा है।
सबका दिखावा अच्छे से हमें दिखाई दे रहा है।।

समय बदला तो जो मूक थे वो भी बोल रहे हैं,
मेरी बुराई पर बहरों को भी सुनाई दे रहा है।।

जो गलत है उसको भी सही कह रहे हैं लोग,
लगता है कि वो उसकी चमचागिरी कर रहा है।।

जो कह रहा था चार दिन से मोबाइल नहीं छुआ,
वो चार दिन से ही ऑनलाइन दिखाई दे रहा है।।

कितने कमाल के लोगों से रोज मिलते हो "मनु" 
ये बताओ तुम्हें ये सब कैसे दिखाई दे रहा है।।

©मनोज कुमार झा "मनु"

#leafbook सब दिखाई दे रहा है

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White वो देखता तो है मगर कोई प्रतिक्रिया नहीं देता। बातें बहुत ही कम मगर खुशियां कम नहीं देता।। इंस्टाग्राम फेसबुक व्हाट्सएप सब पर नजर उसकी, वो देखता तो सब है मगर यह एहसास होने नहीं देता।। ©मनोज कुमार झा "मनु"

#sad_shayari #लव  White वो देखता तो है मगर कोई प्रतिक्रिया नहीं देता।
बातें बहुत ही कम मगर खुशियां कम नहीं देता।।

इंस्टाग्राम फेसबुक व्हाट्सएप सब पर नजर उसकी,
वो देखता तो सब है मगर यह एहसास होने नहीं देता।।

©मनोज कुमार झा "मनु"

#sad_shayari वो देखता तो है

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