जननी हूं मैं इस जहां की ,फिर भी मेरी पहचान नहीं!
मेरी ही संतान के पीछे ,मेरा ही नाम नहीं??
माना के दुर्गा चंडी काली हूं ,
मैं खुद अपनी पहचान बनाऊंगी।
पर इस मर्द प्रधान समाज से मैं कब तक लड़ पाऊंगी।
सबर धैर्य ममता की भी तो एक मूर्ति हूं,
सिर्फ चंडी बनकर लड़ते रहना ही तो मेरा काम नहीं।
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वादा है यह दोस्ती हर पल निभाऊंगी
हर पल बनकर चलूंगी साया साथ तेरे
वादा है ना कभी छोड़ कर जाऊंगी
वादा है यह दोस्ती हर पल निभाऊंगी
हर पल बनकर चलूंगी साया साथ तेरे
वादा है ना कभी छोड़ कर जाऊंगी
18 Love
यादों की सुनहरी चादर में लपेटा है तुझको,
बांधा है मोहब्बत की डोरी से पलकों में बसाया है तुझको,
कैसे रिहाई दे दूं इस दिल से तुझे,
अक्सर दुआओं में खुदा से मांगा है तुझको।।
यादों की सुनहरी चादर में लपेटा है तुझको,
बांधा है मोहब्बत की डोरी से पलकों में बसाया है तुझको,
कैसे रिहाई दे दूं इस दिल से तुझे,
अक्सर दुआओं में खुदा से मांगा है तुझको।।
14 Love
बीत गया समय,, बस यादें रह गई,
कुछ गुजरे हुए वक्त की बातें रह गई,
कोई लौटा लाए उस बीते हुए लम्हे को,
जिस गुजरे हुए लम्हे में मेरी जिंदगी रह गई!!
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