sameer Kumar

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चंद दिनों में बदल जाएं वो एहसास कैसा जीते जी भुल जाएं वो प्यार कैसा!!

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sameer kgfdt hdseiidd dyiiei duiite yijgstu dyijgst ryjjnddtybdd gy ©sameer Kumar

 sameer kgfdt hdseiidd dyiiei duiite yijgstu dyijgst ryjjnddtybdd gy

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13 Love

चलो, आज विदाई का दिन आ गया, सपनों का वो सफर थम सा गया। कभी जो मिले थे अजनबी राहों में, अब बन गए हैं यादों के गहरे साये। कक्षाओं की वो हंसी-ठिठोली, वो किताबों के बोझ में छुपी शोखियां भोली। प्रोजेक्ट की रातें और असाइनमेंट के दिन, वो संघर्ष, वो हौसले और जीत का यकीन। कॉरिडोर की गूंज, वो कैंटीन का खाना, संग बैठकर हर पल को था बस निभाना। मंच पर वो भाषण, वो नाटक, वो गीत, हर क्षण को हमने दिया अपनी रीत। दोस्तों के संग वो बेपरवाह बातें, शरारत भरे वो लम्हे और खट्टी-मीठी रातें। कभी खफा, तो कभी गले लग जाना, रिश्तों का ये जादू सदा ही निभाना। आज जब ये पल हमें छोड़ रहा है, दिल में एक अजीब सा शोर हो रहा है। मुस्कान के साथ, आंखें भी हैं नम, सपनों को बुनते हैं, पर बीता हुआ है गम। मंजिलें नई, सफर नया होगा, जीवन का हर दिन अब अलग धुआं होगा। पर ये वादा है, ये रिश्ता अटूट रहेगा, हर मोड़ पर ये यादों का पुल बांधता रहेगा। तो चलो, इस विदाई को मुस्कान से स्वीकारें, अपने सपनों की ओर हम कदम बढ़ाएं। मगर जो बीते हुए पल हैं, वो अमर रहेंगे, इन यादों के सहारे हम सदा बढ़ते रहेंगे। ©sameer Kumar

#sameerjeena  चलो, आज विदाई का दिन आ गया,
सपनों का वो सफर थम सा गया।
कभी जो मिले थे अजनबी राहों में,
अब बन गए हैं यादों के गहरे साये।

कक्षाओं की वो हंसी-ठिठोली,
वो किताबों के बोझ में छुपी शोखियां भोली।
प्रोजेक्ट की रातें और असाइनमेंट के दिन,
वो संघर्ष, वो हौसले और जीत का यकीन।

कॉरिडोर की गूंज, वो कैंटीन का खाना,
संग बैठकर हर पल को था बस निभाना।
मंच पर वो भाषण, वो नाटक, वो गीत,
हर क्षण को हमने दिया अपनी रीत।

दोस्तों के संग वो बेपरवाह बातें,
शरारत भरे वो लम्हे और खट्टी-मीठी रातें।
कभी खफा, तो कभी गले लग जाना,
रिश्तों का ये जादू सदा ही निभाना।

आज जब ये पल हमें छोड़ रहा है,
दिल में एक अजीब सा शोर हो रहा है।
मुस्कान के साथ, आंखें भी हैं नम,
सपनों को बुनते हैं, पर बीता हुआ है गम।

मंजिलें नई, सफर नया होगा,
जीवन का हर दिन अब अलग धुआं होगा।
पर ये वादा है, ये रिश्ता अटूट रहेगा,
हर मोड़ पर ये यादों का पुल बांधता रहेगा।

तो चलो, इस विदाई को मुस्कान से स्वीकारें,
अपने सपनों की ओर हम कदम बढ़ाएं।
मगर जो बीते हुए पल हैं, वो अमर रहेंगे,
इन यादों के सहारे हम सदा बढ़ते रहेंगे।

©sameer Kumar

#sameerjeena

18 Love

Tenu pata ae, Tu mere liye enna khaas kyu ae, KYUNKI Jehri cheejh de piche Duniya paji firdi ae, Kadi idhar, Kadi udhar , SUKOON, Ohi sukoon milda ae, mainu tere naal ©sameer Kumar

#Quotes #Sameer  Tenu pata ae, 
Tu mere liye enna khaas kyu ae, 
KYUNKI 
Jehri cheejh de piche
 Duniya paji firdi ae, 
Kadi idhar, 
Kadi udhar , 
SUKOON, 
Ohi sukoon milda ae,
mainu tere naal

©sameer Kumar

#Sameer

15 Love

#Sameer  White ज़ुल्फ़ बन कर बिखर गया मौसम,
धूप को छांव कर गया मौसम..

मैंने पूछी थी ख़ैरियत तेरी,
मुस्करा कर गुज़र गया मौसम..

फिर वो चेहरा नज़र नहीं आया,
फिर नज़र से उतर गया मौसम..

तितलियाँ बन के उड़ गयीं रातें,
नींद को ख़्वाब कर गया मौसम..

फूल ही फूल थे निगाहों में,
दाग ही दाग भर गया मौसम...

तुम ना थे तो मुझे पता न चला,
किधर आया , किधर गया मौसम...

आप के आने की ख़बर सुन कर,
जाते जाते ठहर गया मौसम...

                                               💓🌷💭लफ्ज़ ए समीर

©sameer Kumar

#Sameer

135 View

संगम के सीने पर बसा प्रयागराज संगम के पानी में, चांदनी घुल जाती है, गंगा, यमुना के कंधों पर सरस्वती छुप जाती है। जहां जल नहीं, समय बहता है, हर लहर में कोई अधूरा सपना कहता है। प्रयागराज, तुम माटी नहीं, मंत्र हो, सदियों से बहता अनहद तंत्र हो। तुम्हारे घाटों पर बैठे संत, हर सांस में भरते शाश्वत गंध। यहाँ हवा इतिहास सुनाती है, किले की दीवारें समय लिख जाती हैं। जहाँ पत्तों पर भीगी हुई धूप गिरती है, हर किरण से आदिम आस्था झलकती है। तुम संगम हो, जहां देह और आत्मा मिलते हैं, जहां डुबकी में हर जन्म के पाप धुलते हैं। यहां केवल नदियां नहीं मिलतीं, यहां ब्रह्मांड की लय में आत्माएं खिलतीं हैं। तुम्हारे कण-कण में वेद गूंजते हैं, हर पत्थर में ऋषि के स्वर गूंजते हैं। तुम्हारा आकाश गंगा का मार्ग दिखाता है, और धरती पर अमरत्व का स्वाद चखाता है। प्रयागराज, मेरे दिल की धड़कन हो तुम, हर श्वास में बसा हुआ जीवन हो तुम। तुम्हारे बिना मैं अधूरा सा लगता हूँ, तुम्हारे घाटों पर ही मैं पूरा सा लगता हूँ। संगम के पानी में जब खुद को देखता हूँ, प्रयागराज, बस तुम्हारा अक्स पाता हूँ। लफ्ज़ ए समीर. .. ✍ ©sameer Kumar

#समीर  संगम के सीने पर बसा प्रयागराज
संगम के पानी में, चांदनी घुल जाती है,
गंगा, यमुना के कंधों पर सरस्वती छुप जाती है।
जहां जल नहीं, समय बहता है,
हर लहर में कोई अधूरा सपना कहता है।
प्रयागराज, तुम माटी नहीं, मंत्र हो,
सदियों से बहता अनहद तंत्र हो।
तुम्हारे घाटों पर बैठे संत,
हर सांस में भरते शाश्वत गंध।

यहाँ हवा इतिहास सुनाती है,
किले की दीवारें समय लिख जाती हैं।
जहाँ पत्तों पर भीगी हुई धूप गिरती है,
हर किरण से आदिम आस्था झलकती है।

तुम संगम हो, जहां देह और आत्मा मिलते हैं,
जहां डुबकी में हर जन्म के पाप धुलते हैं।
यहां केवल नदियां नहीं मिलतीं,
यहां ब्रह्मांड की लय में आत्माएं खिलतीं हैं।

तुम्हारे कण-कण में वेद गूंजते हैं,
हर पत्थर में ऋषि के स्वर गूंजते हैं।
तुम्हारा आकाश गंगा का मार्ग दिखाता है,
और धरती पर अमरत्व का स्वाद चखाता है।

प्रयागराज, मेरे दिल की धड़कन हो तुम,
हर श्वास में बसा हुआ जीवन हो तुम।
तुम्हारे बिना मैं अधूरा सा लगता हूँ,
तुम्हारे घाटों पर ही मैं पूरा सा लगता हूँ।

संगम के पानी में जब खुद को देखता हूँ,
प्रयागराज, बस तुम्हारा अक्स पाता हूँ।

                                                              
                                                                              लफ्ज़ ए समीर. .. ✍

©sameer Kumar

#समीर

10 Love

माना जीवन में अँधियारा है ऋषि पर, जुगनू कब रातों से हारा है ! माना राहों में कांटे हैं बहुत ऋषि पर पावों में भी छाले हैं! पर इन्ही अंधेरों के आगे जीवन के उजाले हैं !! तुमको हर पथ पर चलना होगा ऋषि, हर मुश्किल से खुद लड़ना होगा ऋषि पल पल हिम्मत जुटानी होगी तब जाकर सफल कहानी होगी ऋषि आंधी हो तूफान हो या कोई सैलाब हो तुम ऋषि, तुमको खुद में विश्वास है रखना चाहे दुनिया खिलाफ हो ऋषि! अपनी नइया के तुम्ही खेवइया, तुमको पार लगाना है ऋषि ! लहरें है विपरीत तुम्हारे, तुमको उन्हें हराना है ऋषि ! सब संभव कर दिखलाना है ! हर मुश्किल से लड़ जाना है ऋषि.. माना समय बुरा है लेकिन अच्छा समय भी आएगा ऋषि! मेहनत यदि जारी रखे तो सब कुछ तुमको मिल जाएगा ऋषि!! जब राह ही तुमने कठिन चुना है तो फिर आपा क्यों खोते हो ऋषि । जब जीतना तुम्हें हर युध्द ही है फिर आलस में क्यों सोते हो ऋषि!! मंजिल इतनी आसान होगी इस भ्रम को खुद से दूर रखो ऋषि! हर मुश्किल से टकरा लोगे इतना खुद को मजबूत रखो ऋषि !! आज मिल रहे तानों से तुम धैर्य न अपना खोने देना ! तुम मेहनत का हथियार पकड़ना जो होता है होने देना !! लफ्ज़ ए समीर...✍️ ©sameer Kumar

#SunSet  माना जीवन में अँधियारा है ऋषि 
पर, जुगनू कब रातों से हारा है !
 माना राहों में कांटे हैं बहुत ऋषि
 पर पावों में भी छाले हैं!
 पर इन्ही अंधेरों के आगे जीवन के उजाले हैं !!
तुमको हर पथ पर चलना होगा ऋषि,
 हर मुश्किल से खुद लड़ना होगा ऋषि
  पल पल हिम्मत जुटानी होगी तब
 जाकर सफल कहानी होगी ऋषि
आंधी हो तूफान हो या कोई सैलाब
 हो तुम ऋषि, तुमको खुद में विश्वास है
 रखना चाहे दुनिया खिलाफ हो ऋषि! 
अपनी नइया के तुम्ही खेवइया,
 तुमको पार लगाना है ऋषि ! 
लहरें है विपरीत तुम्हारे, तुमको
 उन्हें हराना है ऋषि ! 
सब संभव कर दिखलाना है !
 हर मुश्किल से लड़ जाना है ऋषि..
माना समय बुरा है लेकिन अच्छा
 समय भी आएगा ऋषि!
 मेहनत यदि जारी रखे तो सब 
कुछ तुमको मिल जाएगा ऋषि!!
जब राह ही तुमने कठिन चुना है 
तो फिर आपा क्यों खोते हो ऋषि ।
 जब जीतना तुम्हें हर युध्द ही है 
फिर आलस में क्यों सोते हो ऋषि!!
मंजिल इतनी आसान होगी इस
 भ्रम को खुद से दूर रखो ऋषि! 
हर मुश्किल से टकरा लोगे इतना 
खुद को मजबूत रखो ऋषि !!
आज मिल रहे तानों से तुम धैर्य न
 अपना खोने देना ! तुम मेहनत का 
हथियार पकड़ना जो होता है होने देना !!

                                       
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©sameer Kumar

#SunSet

18 Love

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