English
I am a mechanical engineer student.
ज़िनà¥à¤¦à¤—ी गà¥à¤²à¥›à¤¾à¤° है वो मोहब्बत भी तुम्हारी थी नफरत भी तुम्हारी थी, हम अपनी वफ़ा का इंसाफ किससे माँगते.. वो शहर भी तुम्हारा था वो अदालत भी तुम्हारी थी. ©बेनाम शायर
Er. Adarsh Pandey
10 Love
72 View
गुस्सा भी उन पर किया जाता है जिन पर अपना हक हो वरना गैरो पर कौन नाराज होता है ©बेनाम शायर
11 Love
थामा था हाथ यह सोचकर की सफर लम्बा होगा। भूल से भूले की लाजिम ये भी उड़ता परिंदा होगा।। ©बेनाम शायर
12 Love
मै अकेला रहने वाला लड़का पता नही क्यो एक लड़की के बारे मे इतना सोच रहा हुँ। ©बेनाम शायर
You are not a Member of Nojoto with email
or already have account Login Here
Will restore all stories present before deactivation. It may take sometime to restore your stories.
Continue with Social Accounts
Download App
Stories | Poetry | Experiences | Opinion
कहानियाँ | कविताएँ | अनुभव | राय
Continue with
Download the Nojoto Appto write & record your stories!
Continue with Social Accounts
Facebook Googleor already have account Login Here