सदियों के त्याग-तप के परिणाम आ रहे हैं
पुष्पक विमान से घर श्री राम आ रहे हैं
सीता,लखन,विभीषण,हनुमान आ रहे हैं
पुष्पक विमान से घर श्री राम आ रहे हैं
कुछ दीप देहरियों पर अभिज्ञात के जलेंगे
कुछ दीप देहरियों पर बारात के जलेंगे
कुछ दीप जल में जलकर बुझ जाएंगे स्वतः ही
कुछ दीप देहरियों पर बिन बात के जलेंगे
होगा प्रकाश उत्सव निष्काम आ रहे हैं
पुष्पक विमान से घर श्री राम आ रहे हैं
श्रीराम की कृपा से तुलसी ने लिख दी मानस
श्रीराम की कृपा से बाली हुआ सुमानस
श्रीराम की कृपा से ही होगा भूमि पूजन
श्रीराम की कृपा से मिट जाएंगे अमानस
करने कृपा जगत पर अविराम आ रहे हैं
पुष्पक विमान से घर श्री राम आ रहे हैं
कब रात्रि ये ढलेगी है भोर की प्रतीक्षा
नयना भी ले रहे हैं अब नींद की परीक्षा
देने लगे शुभेच्छा हैं अंग अंग को अब
संभव नहीं है करना इस पल की कुछ समीक्षा
देने व्यथित हृदय को आराम आ रहे हैं
पुष्पक विमान से घर श्री राम आ रहे हैं
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