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Gunjan Agarwal

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विस्तृत हूँ मैं नभ के जैसी, नभ को छूना पर बाकी है। काव्यसाधना की मैं प्यासी, काव्य कलम मेरी साकी है। मैं उड़ेल दूँ भाव सभी अरु, काव्य पियाला छलका जाऊँ। पीते पीते होश न खोना, सत्य अगर मैं दिखला पाऊँ। छ्न्द बहर अरकान सभी ये, रखती हूँ अपने तरकश में। किन्तु नही मैं रह पाती हूँ, सृजन करे कुछ अपने वश में। शब्द साधना कर लेखन में, बात हृदय की कह जाती हूँ। काव्य सहोदर काव्य मित्र है, अतः कवित्त दोहराती हूँ। ...... *अनहद गुंजन*

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White रात अंधेरी बहकाए तो बहकावे में आना मत । अनजाने में बात किसी की दिल से फकत लगाना मत । तारा बनकर आए हो पर याद रहे इतना "गुंजन" अनदेखी अंधियारी रातों में जीवन सुलझाना मत । ©Gunjan Agarwal

#मुक्तक #Sad_Status  White रात अंधेरी बहकाए तो बहकावे में आना मत ।
अनजाने में बात किसी की दिल से फकत लगाना मत ।
तारा बनकर आए हो पर याद रहे इतना "गुंजन"
अनदेखी अंधियारी रातों में जीवन सुलझाना मत ।

©Gunjan Agarwal

New Year 2024-25 #विश्व_कविता_दिवस तेरे मेरे संवादों में जैसे कविता झरती है । कड़वी तीखी बातों से घुट घुट के कविता मरती है । शब्द शिल्प और अर्थ भाव की कविता भी तो प्यासी है, कलह क्लेश के अपवादों से "गुंजन" कविता डरती है । ©Gunjan Agarwal

#विश्व_कविता_दिवस #कविता #Newyear2024 #muktak  New Year 2024-25 #विश्व_कविता_दिवस 

तेरे   मेरे   संवादों  में   जैसे  कविता  झरती   है ।
कड़वी तीखी बातों से घुट घुट के कविता मरती है ।
शब्द शिल्प और अर्थ भाव की कविता भी तो प्यासी है, 
कलह क्लेश के अपवादों से "गुंजन" कविता डरती है ।

©Gunjan Agarwal

दिलों में बेकरारी सी इधर भी है उधर भी है। न जाने क्यूँ खुमारी सी इधर भी है उधर भी है। नही है नींद रातों में न दिन में चैन ही मिलता । मुहब्बत की बिमारी सी इधर भी है उधर भी है। ©Gunjan Agarwal

#लव #muktak  दिलों में बेकरारी सी इधर भी है उधर भी है।
न जाने क्यूँ खुमारी सी इधर भी है उधर भी है।
नही है नींद रातों में न दिन में चैन ही मिलता ।
मुहब्बत की बिमारी सी इधर भी है उधर भी है।

©Gunjan Agarwal

दिलों में बेकरारी सी...... #लव #Love #muktak

12 Love

White अर्थ अनेकों हैं उल्फत के ये केवल सदमात नहीं है । अलग अलग हैं सभी रास्ते अलग कोई जज़्बात नहीं है । गुंजन इक अहसास है उल्फत, बंधन का मोहताज नहीं, हर रिश्ते को नाम मिले ये कोई जरूरी बात नही है । गुंजन अग्रवाल 'अनहद' ©Gunjan Agarwal

#Thinking  White अर्थ अनेकों हैं उल्फत के ये केवल सदमात नहीं है ।
अलग अलग हैं सभी रास्ते अलग कोई जज़्बात नहीं है ।
गुंजन इक अहसास है उल्फत, बंधन का मोहताज नहीं,
हर रिश्ते को नाम मिले ये कोई जरूरी बात नही है ।

गुंजन अग्रवाल 'अनहद'

©Gunjan Agarwal

#Thinking #love

17 Love

#इश्क #मैं #rosepetal #लव #tum  इश्क़  तेरा  और मेरा  अब  पुराना हो गया।
 झेलते  इक दूसरे को  भी ज़माना  हो गया।
अब न तुम भी तुम रहे और मैं रही हूँ मैं नही-
तेरा  मुझमें  मेरा तुझमें  ही ठिकाना  हो गया।

©Gunjan Agarwal
#Ram_Navmi #ramayan #Ayodhya #Lakhan #siya  सिय के कर कंगन बोलत हैं अरु नूपुर शोर मचाय रहे हैं । 
छवि देखन को हिय हूक उठी अरु नैनन भी तरसाय रहे हैं । 
इत ओर कभी उत ओर कभी पग दौड़त भागत जाय रहे हैं । 
उर हाल कहें रघुनंदन जी अरु लक्ष्मण से बतियाय रहे हैं ।

©Gunjan Agarwal
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