मेरी खुशियों के ख्वाब , वो खुदा ने लिया
तूने जो भी दिया , मैंने वह भी सहा
सोए थे हंस के , ख्वाब में रहके
आंख खुली तो , वो आंसू तूने ही दिया
मैं रोता ही रहा------------------मेरी--
कभी घबराया , कभी तड़पा हूं
रब से दुआएं , हमने दिल से किया
हमसे ना सुना----------------- मेरी--
कभी हंसने को है क्या , सब रोने को ही दिया
आंखों में भरे आंसू , सब तूने ही दिया
और कुछ ना दिया----------------- मेरी--
आंखों से तू , मेरे दिल का जहां , छीना है यहां , तू कहां
डरता है दिल , मेरे दिल का जहां , कैसे मैं खुदा , मैं तुझको कहूं
हंसने ना दिया , रोने ही दिया ,
मैं दिल का खुदा , तुझको ना कहूं------मेरी ---
©Sushil Gautam
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