😢 पापा 😢
अभी तो मैं राह पर निकला था, फिर क्यों मुझे अकेले छोड़ कर चले गए पापा ।
अभी तो मेरा अपनी नौका पार लगाना बाकी था, फिर क्यों बीच मझधार में छोड़ कर चल दिए पापा ।
अभी तो मैं छोटा बच्चा था, फिर क्यों मुझे सिसकता छोड़ गए पापा।।
मैं जानता हूं आप अपनी जिम्मेदारी पूरी कर रहे थे, पर क्यों मुझे छोटी सी उमर में अपनी जिम्मेदारी का एहसास करा गए पापा ।।
मां मेरी रोती रही, क्या आपको एक पल भी रुकने का समय नहीं मिला पापा ।
मुझे आज भी याद है जब मैं आपके पास खड़ा था और आप बिन बताए सफर पर निकल दिए थे पापा ।।
आपके वह सपने जिन्हें आप मेरे लिए जिया करते थे , उन्हें तो पूरा होते हुए देखने के लिए रुक जाते पापा ।
आपका वह मेरे अफसर बनने का ख्वाब, उस पल को तो आप जी लेते पापा।।
क्यों आपको मेरा अकेले में रोना नहीं दिखता, क्यों मुझे आप इस तरह तंहा कर गए पापा ।
यह दुनिया बहुत जुल्मी है, इनके जुल्म से बचावो न पापा।
ढूंढता रहता हूं अक्सर भीड़ में आपको, कहीं तो मिल जाओ ना पापा ।।
बस इतनी इल्तजा है आपसे फिर एक बार वापस आ जाओ ना पापा, फिर एक बार वापस आ जाओ ना पापा .........।।।
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