?? पता नहीं ??
कि तेरा चेहरा देखकर तेरे मन की बात जान लेना,किस कदर तू खुशी और गम में है यह मान लेना ।।
रूठी है तू तो तुझे मनाना, रूठा हूं मैं तो तेरा मुझे मनाना ।। अब यह मुनासिब होगा या नहीं पता नहीं?
कि अब वह प्यार वापस होगा या नहीं पता नहीं??
हर खता पर तेरी मैंने तुझे माफ किया, हर खता पर मेरी तूने मुझे माफ।
बहक ना जाए तू कहीं यही हिसाब तो मैंने तुझ से लिया, बहक ना जाऊं मैं कहीं यही हिसाब तो तूने लिया ।।
अब यह जज्बात वापस होंगे या नहीं पता नहीं ?
अब वो प्यार वापस हो गया या नहीं पता नहीं??
खुश होकर तेरा मुझे मिलना, यू बाहों में सिमटकर मेरी खो जाना मुनासिब अब दोबारा होगा या नहीं?
अब वो प्यार वापस होगा या नहीं पता नहीं??
हालात इस कदर हो गए हैं अब कि मैं बयां ना कर सका, तेरी राहों में खड़ा होकर बस तेरे लिए अरदास करने लगा।। तू भी मेरे लिए अपने दिल में हाल- ए - जज्बात को रखती है ये मुझे पता है ।।
पर क्या तेरी दुआ में अब भी मैं हूं ? पता नहीं?
अब वो प्यार वापस होगा या नहीं पता नहीं??
अंतिम जज्बात
तू मेरी होगी या नहीं ऎसी किस्मत तो मेरी, है या नहीं पता नहीं ?
मानता हूं मैं खुद को पनौती पर क्या मेरी किस्मत की लकीरों में तू होगी .... पता नहीं ?
पर हां... इस सवाल का जवाब सिर्फ तेरे पास है!!
क्या मुझे फिर से टूट कर प्यार कर सकती है या नहीं ?
अब वो प्यार वापस होगा या नहीं पता नहीं???
तेरे उस जवाब का इंतजार कर रहा तेरा ये पता नहीं????
कलम :- विकेश 'amrit'
#पता_नहीं 😥