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White मनुष्य दूसरे के हृदय को विश्रांति कब दे सकता है? जब वह स्वयं स्थिर मति हो, प्रसन्न हो या शांत हो। जब वह स्वयं अशांत हो, उसका हृदय दग्ध हो, अचानक आई पीड़ा से क्षुब्ध हो, ईश्वर के न्याय से विश्वास डोल रहा हो और मन आखिरी खिन्न हो, तब वह कैसे किसी को सांत्वना दे,कैसे किसी को धीरज दे, कैसे कहे कि हर किसी की एक दिन यही गति होनी है, जो भी आया है उसे जाना है, मृत्यु की कोई नियत तिथि नहीं है, ना यह कालानुक्रम देखता है ना यह बड़े छोटे का भेद करता है। और मृत्यु हमेशा अचानक ही आती है,यह बताती नहीं की फलाने दिन, फलाना आदमी देवलोक गामी होगा। फिर भी मनुष्य निरंतर भविष्य का अलग अलग योजना बनाता है और जब जब प्रियजन की मृत्यु होती है , शमशान घाट में उसे क्षणिक ही सही वैराग्य उत्पन्न होता है ,यह तमाम दुनियावी प्रपंच उसे छलावा लगता है, जो की पानी के बुलबुले के समान हमेशा फूटने को तत्पर रहता है। ©Niwas

#विचार #sad_qoute #deadsoul #Death #dead  White मनुष्य दूसरे के हृदय को विश्रांति कब दे सकता है? जब वह स्वयं स्थिर मति हो, प्रसन्न हो या शांत हो। जब वह स्वयं अशांत हो, उसका हृदय दग्ध हो, अचानक आई पीड़ा से क्षुब्ध हो, ईश्वर के न्याय से विश्वास डोल रहा हो और मन आखिरी खिन्न हो, तब वह कैसे किसी को सांत्वना दे,कैसे किसी को धीरज दे, कैसे कहे कि हर किसी की एक दिन यही गति होनी है, जो भी आया है उसे जाना है, मृत्यु की कोई नियत तिथि नहीं है, ना यह  कालानुक्रम देखता है ना यह बड़े छोटे का भेद करता है। और मृत्यु हमेशा अचानक ही आती है,यह बताती नहीं की फलाने दिन, फलाना आदमी देवलोक गामी होगा। फिर भी मनुष्य निरंतर भविष्य का अलग अलग योजना बनाता है और जब जब प्रियजन की मृत्यु होती है , शमशान घाट में उसे क्षणिक ही सही वैराग्य उत्पन्न होता है ,यह तमाम दुनियावी प्रपंच उसे छलावा लगता है, जो की पानी के बुलबुले के समान हमेशा फूटने को तत्पर रहता है।

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White अजीब लोग हैं इस दुनिया में और वही बहुतायत में हैं। पंद्रह ओवर के बाद जो लोग विराट कोहली को धीमी बल्लेबाजी के लिए गाली दे रहे थे, वही लोग जितने के बाद उन्हें किंग, बेस्ट बैट्समैन और कई उपाधि से नवाज़ रहे। ज़िंदगी का भाग्य, दुर्भाग्य यही है कि कई बार आपकी प्रशंसा और आलोचना सिर्फ आपके हाथ में नहीं है,वो समय और परिस्थितियों पर निर्भर करता है। कल का ही देखिए अगर दक्षिण अफ्रीका जीत जाता तो कोहली, अक्षर पटेल, हार्दिक पांड्या सबसे बड़े विलेन होते पर भारत के जीतते यह हमारे हीरो हो गए।कई बार आपका दोष भी अच्छे समय में छिप जाता है, जैसे पूरे वर्ल्ड कप में रवीन्द्र जडेजा का प्रदर्शन अनुकूल नहीं होते हुए भी,उनकी आलोचना नहीं होगी क्योंकि टीम का ओवरऑल रिजल्ट शानदार है।इस वर्ल्ड कप से हमें यह भी सीख मिलता है कि परिस्थितियां कितनी भी विपरीत हो, रोहित शर्मा की तरह धैर्यवान एवं विवेकवान होना चाहिए ,बुमराह की तरह शांति से अपना कार्य करते रहना चाहिए और सूर्या की तरह टर्निंग प्वाइंट के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए।। अंत में,कोई भी हार आखिरी हार नहीं है, कोई भी जीत आखिरी जीत नहीं है,बस किरदार अच्छे से निभाते हुए एक दिन अलविदा कह जाना है। ©Niwas

#t20_worldcup_2024 #विचार  White अजीब लोग हैं इस दुनिया में और वही बहुतायत में हैं। पंद्रह ओवर के बाद जो लोग विराट कोहली को धीमी बल्लेबाजी के लिए गाली दे रहे थे, वही लोग जितने के बाद उन्हें किंग, बेस्ट बैट्समैन और कई उपाधि से नवाज़ रहे। ज़िंदगी का भाग्य, दुर्भाग्य यही है कि कई बार आपकी प्रशंसा और आलोचना सिर्फ आपके हाथ में नहीं है,वो समय और परिस्थितियों पर निर्भर करता है। कल का ही देखिए अगर दक्षिण अफ्रीका जीत जाता तो कोहली, अक्षर पटेल, हार्दिक पांड्या सबसे बड़े विलेन होते पर भारत के जीतते यह हमारे हीरो हो गए।कई बार आपका दोष भी अच्छे समय में छिप जाता है, जैसे पूरे वर्ल्ड कप में रवीन्द्र जडेजा का प्रदर्शन अनुकूल नहीं होते हुए भी,उनकी आलोचना नहीं होगी क्योंकि टीम का ओवरऑल रिजल्ट शानदार है।इस वर्ल्ड कप से हमें यह भी सीख मिलता है कि परिस्थितियां कितनी भी विपरीत हो, रोहित शर्मा की तरह धैर्यवान एवं विवेकवान होना चाहिए ,बुमराह की तरह शांति से अपना कार्य करते रहना चाहिए और सूर्या की तरह टर्निंग प्वाइंट के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए।। अंत में,कोई भी हार आखिरी हार नहीं है, कोई भी जीत आखिरी जीत नहीं है,बस किरदार अच्छे से निभाते हुए एक दिन अलविदा कह जाना है।

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#t20_worldcup_2024 #विचार #Cricket #India  White अजीब लोग हैं इस दुनिया में और वही बहुतायत में हैं। पंद्रह ओवर के बाद जो लोग विराट कोहली को धीमी बल्लेबाजी के लिए गाली दे रहे थे, वही लोग जितने के बाद उन्हें किंग, बेस्ट बैट्समैन और कई उपाधि से नवाज़ रहे। ज़िंदगी का भाग्य, दुर्भाग्य यही है कि कई बार आपकी प्रशंसा और आलोचना सिर्फ आपके हाथ में नहीं है,वो समय और परिस्थितियों पर निर्भर करता है। कल का ही देखिए अगर दक्षिण अफ्रीका जीत जाता तो कोहली, अक्षर पटेल, हार्दिक पांड्या सबसे बड़े विलेन होते पर भारत के जीतते यह हमारे हीरो हो गए।कई बार आपका दोष भी अच्छे समय में छिप जाता है, जैसे पूरे वर्ल्ड कप में रवीन्द्र जडेजा का प्रदर्शन अनुकूल नहीं होते हुए भी,उनकी आलोचना नहीं होगी क्योंकि टीम का ओवरऑल रिजल्ट शानदार है।इस वर्ल्ड कप से हमें यह भी सीख मिलता है कि परिस्थितियां कितनी भी विपरीत हो, रोहित शर्मा की तरह धैर्यवान एवं विवेकवान होना चाहिए ,बुमराह की तरह शांति से अपना कार्य करते रहना चाहिए और सूर्या की तरह टर्निंग प्वाइंट के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए।। अंत में,कोई भी हार आखिरी हार नहीं है, कोई भी जीत आखिरी जीत नहीं है,बस किरदार अच्छे से निभाते हुए एक दिन अलविदा कह जाना है।

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उसने, अपने अच्छे होने का भ्रम इस कदर पाल रखा है रोज डालता है अपने बारे में एक अच्छा व्हाट्सऐप स्टेटस पर कभी आईना नहीं देखता ©Niwas

#शायरी #raindrops  उसने,
अपने अच्छे होने का भ्रम
इस कदर पाल रखा है
रोज डालता है अपने बारे में
एक अच्छा व्हाट्सऐप स्टेटस
पर कभी आईना नहीं देखता

©Niwas

#raindrops

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घाव कितने भी गहरे हों सुख जाते हैं एक ना एक दिन पर कुछ शब्द चुभते हैं नश्तर की तरह "आजीवन" ©Niwas

#शायरी #snowpark  घाव कितने भी गहरे हों
सुख जाते हैं एक ना एक दिन
पर कुछ शब्द चुभते हैं
नश्तर की तरह "आजीवन"

©Niwas

#snowpark

8 Love

रेल सी हो गई है ज़िंदगी जाना कहीं नहीं... और जाए भी जा रहे.... ©Niwas

#शायरी #solotraveller #Dhund  रेल सी हो गई है ज़िंदगी
जाना कहीं नहीं...
और जाए भी जा रहे....

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