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बारिशें, पहाड़, जुगुनु, नदियाँ, चाँद और मेरी कलम
मैं दीपावली तुम्हारे साथ मनाना चाहती हूँ , बशर्ते इस अन्धेरे में मेरा हाथ थामें रहो... मसला यही है हवायें विपरीत हैं और तुम खामोश , छोड़ो यार जाने दो दूर खड़े देखते रहो..... -भावना ©Bhavana Pandey
Bhavana Pandey
23 Love
मैं खुद को तुम्हारे लिए बारिशों के बाद वाली ठंडी हवा करना चाहती हूँ ताकि जब भी तुम्हारे जीवन में जून सी दोपहर या जुलाई सी उमस आये, तो तुम मेरे महसूस होने भर से आनन्दित हो जाओ । -भावना ©Bhavana Pandey
22 Love
हर सफर में अपने कदमों को तुम्हारे कदमों से मिलाऊं। खिलकर सुनहरी धूप सी मैं,तुम्हें मोगरे सा महकाऊं ।। जेब थोड़ी तंग है तेरे नाम कोई इमारत तो नहीं। मिलाकर इश्क के रंग सारे इन्द्रधनुष सा जीवन बनाऊं ।। -भावना ©Bhavana Pandey
21 Love
कुछ पुरूषों के जीवन में स्त्री उनके पसंदीदा रूमाल की भाँति होती हैं, जिसे सुबह वे बड़े चाव से चुनकर अपनी जेब में रखते हैं दिन भर उसे हर तरह से काम में लिया जाता है शाम होते-होते वो याद ही नहीं रहता धुल जाता है अगले दिन उसी जेब में ।। ©Bhavana Pandey
20 Love
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We can try desperately to get non living things, but to make a living our own, it is useless if it does not want to be yours. ©Bhavana Pandey
40 Love
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