जज़्बात दिल का मेरे दिल में रहा
ना पूछा ना कहा अलफ़ाज़ दिल में रहा
हर तरफ दिखता रहा मुझे वो रात दिन
वो ख़्वाब खूबसूरत, इस दिल में रहा
मिलता रहा वो शख्स किसी बहाने से
इज़हार ख्यालों में या बस दिल में रहा
कहता तो सायद, मेरे साथ होता आज
मलाल ये ज़िन्दगी भर इस दिल में रहा
अब दिखती नहीं वो शाम, शाम होने पर
नज़र में था हमनफस अब दिल में रहा
जाने कितने राज़ छुपाये दिल में आदिल
देखा चाहा खोया टुटा सब दिल में रहा
-beparwah.dil
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