Meantime Morjana 0808

Meantime Morjana 0808

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 Hiii Dear...
 कैसे हों ? आज  हर बार कि तरह इस बार भी दुआ - ए - इश्क के साथ तुमसे कहना हैं कुछ ...
मुंतजिर हूं हमारे इश्क़ बुलावे का ,जिसकी ख्वाईश दोनों ने की थी ।
और अब यकीं आ रहा दिल के समंदर के तह पे उस उम्मीद भरी एहसास पे ,
जो अब भी तुम्हारे नाम से पुलकित होती है । 
इस थकान भरी सफर में तुम्हारी चेहरे की वो मुस्कान है ना,वो इस थकान की मिठास है , इसे हमेशा ऐसे ही रहने देना । 
जब से इन आंखों को तुम दिखे हो ,इस्तेकबाल में बैठी है । खैर तुम्हारा वजूद ही काफी है हमारी खुशियों के लिए। 
चांद को जमीं पे लाने वाले इस समाज पे मुझे तुम्हारा दवा लाना ही पसंद है।
हवाओं महल से तारुख रखने वालो के बीच तुम्हारा ,मेरी तकलीफ़ बांट लेना ही सब कुछ है मेरे लिए।
इस शहर की हवाओं ने खैरियत  मांगी है तुम्हारी । जवाब तुम्हारा होगा।
अरे हां! ख्याल रखना अपना ,किसी के मुस्कुराहट की वजह हो तुम।।
तुम्हारे इंतजार में..
         
                                                          तुम्हारी ....

©Meantime Morjana 0808

letter 💌 for .... love poetry in hindi hindi poetry

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 अपना निवाला छोड़कर किसी और का निवाला बचाने वाले सफेद कोर्ट में वो  सबको भगवान नजर आते हैं।पर सबको नहीं... 
लिखने वालों ने लिख दिया रिसता खून, सूजे होठ,घायल शरीर।
देखने वालों ने देख लिया दाएं हाथ की टूटी अनामिका, बचाव में घायल एड़ी,या फिर बेबसी की लाचारी उस रोती मृत आंखों में।।
कुछ समय तक न्याय प्रणाली भी गोते लगा लेगी दुष्कर्म हत्या के इर्द गिर्द,अगर मिल गई सही रस्सी तो फंदा बना देगी। पर जब मिलेगा संजय को फंदा तो एक मिनट काफी होगा उसे  जिंदा से मृत बनने में। 
वक्त का दर्द तो उस डॉ साहिबा को पता होगा जो  चालीस मिनट जिन्दगी और मौत से परे दरिंदे के घेरे में कैद थी। बचाव करने के बाद भी उसकी हार,वो बेबसी उसकी पथराई आंखों से निकले आंसुओं में दिखाई दे रही।।
मरणोत्तर विवरण ( post murtem) में उल्लेखित हैं सुबंया की स्वतंत्रता का संघर्ष,उसका नतीजा ।
कभी नाबालिक तो कभी बालिक दरिंदगी में भेंट नारी ही होती है 
ना जाने अभी और कितनो के हिस्से में ये  दरिंद संघर्ष होगा ।।
पर कब तक ?...

©Meantime Morjana

justice ♎ hindi poetry on life

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#कविता #meltingdown  तुम्हारे दिल मे मेरे लिए प्यार बेशक ना हो।
पर मुझे तो आज भी तुमसे मोहब्बत है।।
"इज़ाजत हो तुम्हारी तो सता लू क्या 
तुम करीबी से लगते हो हक जता लू क्या"
ये चाहकर मै तुमसे बय़ा नही कर सकती,ये कैसी मजबूरी हैं।
शायद प्यार मेरा एकतरफा है ,यही मजबूरी हैं।। 
लोगो की तरह तुम महफ़िल में साथ नही होते हो,
पर  तुम मेरी मोहब्बत के हर अल्फाज़ होते हो।
अब शाम की हर लम्हे किसी की याद में है,
बिना किलकारी किए किसी के गम मे हैं
शायद मुझसे ज्यादा उसका हक था तुमपे।
तभी रेत की दुल्हन सी सजी तुम्हारे इंतज़ार मे है।
अब तुमसे बाते नही होती, तुम्हारी बाते होती हैं
अब हकीकत मे तुम नही होते ,तुम्हारी दुनिया मे हकीकत होती है।।
वक्त भी ना कर सका मुतांज़िर मेरे इश्क का,
कैसा ये संयोग है ।
शायद मोहब्बत मेरी एकतरफा है यही संयोग है।।

©Meantime Morjana

#meltingdown

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#ज़िन्दगी  my dear .....  
क्यूँ कुछ कहना जरूरी है तुमसे ,क्यूँ कहकर  ही कह पाऊंगी  तुमसे ,क्यूँ जरूरत  है मुझे कुछ कहने की  जो कहना है तुमसे। महसूस तो तुमने भी किया होगा ना वो प्यारा सा अहसास जो तुम्हें देखकर होता है।....
आज हम दोनों वो छोटे  -छोटे आहसास को पता नहीं कहां छोड़ आए है जिंदगी के इस आपाधापी मे खुशियों को कहीं पीछे रख आए है।जानती हू जिंदगी कि इस बदलती तसवीर ने तुम्हें भी बदल दिया । जिम्मेदारीयों  ने थोड़ा तुम्हें भी अपने जैसे कर दिया। चलो आज एक बार फिर वो छूटे हुए अहसासों को    ढूढ़ लाये जो कही पीछे छोड़ आये हैं।चलो वहीं से फिर वो खुशियाँ बटोर लाए ।  चलो जीते है फिर, कुछ पल साथ बिताते । चलो फिर वो पहला वाला दौर  दोहराते है
                                         your .....

©Meantime Morjana

my dear ..... क्यूँ कुछ कहना जरूरी है तुमसे ,क्यूँ कहकर ही कह पाऊंगी तुमसे ,क्यूँ जरूरत है मुझे कुछ कहने की जो कहना है तुमसे। महसूस तो तुमने भी किया होगा ना वो प्यारा सा अहसास जो तुम्हें देखकर होता है।.... आज हम दोनों वो छोटे -छोटे आहसास को पता नहीं कहां छोड़ आए है जिंदगी के इस आपाधापी मे खुशियों को कहीं पीछे रख आए है।जानती हू जिंदगी कि इस बदलती तसवीर ने तुम्हें भी बदल दिया । जिम्मेदारीयों ने थोड़ा तुम्हें भी अपने जैसे कर दिया। चलो आज एक बार फिर वो छूटे हुए अहसासों को ढूढ़ लाये जो कही पीछे छोड़ आये हैं।चलो वहीं से फिर वो खुशियाँ बटोर लाए । चलो जीते है फिर, कुछ पल साथ बिताते । चलो फिर वो पहला वाला दौर दोहराते है your ..... ©Meantime Morjana

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#कविता #Chhuan   देव स्थल में हुई दरिंदगी

एक ऐसी हवा फिर चली समाज पे। फिर से किसी लड़की को हवस का खिलौना बनना पड़ा। दास्तान हैं देव स्थल उज्जैन की।।
अंधेरी रात, गुमनाम जगह , होंठो पे मुस्कुराहट के बदले रक्त  का दरिया बन जाए ऐसी हवस की मदहोशी ।।
12 साल की खोई नन्ही सी जान चली थी  मां, बाबा को खोजने। 
मां,बाबा तो न सही पर काली रात मिल गई ,300 घरों की भीड़  और बोनस पे  कुछ दरिंदे मिल गए।
शायद कुदरत भी  उस दिन उस लड़की के खिलाफ था ।उसकी चीख को अपने आगोश में कही छिपा लिया था ।
खून से लथपथ थी पर शायद अभी उम्मीद थी अपने बचाव की ।
खटखटाया  अंधेरी रात में 300 दरवाज़े दर दर जाकर ।पर शायद उस दिन दरवाजों में जंग सी लग गई थी, घंटियां  बेकार और लोगो के कान खराब हो गए थे क्योंकि बात इस बार मदद करने की थी ,लेने की नहीं। बदकिस्मती ने ऐसी दस्तक दी कि एक अकेला दरवाज़ा ना खुला। वो नन्ही सी जान जो खिलौनों से खेलती थी,इस काली रात में कुछ लोगो ने उसके जिस्म से खेल लिया ।  वो अपने साथ हुए इस पाप को समझ पाती उससे पहले ही दहशत ने उसकी सिसकियों को ही शांत कर दिया ।
सूर्य की लालिमा बिखरने से पहले उसके जिस्म में लहू बिखर गया
और चंद लम्हों में ....
उसके मुंह पे रक्त का दरिया बह गया ।।
 आखिर वजह क्या थी कि उस 12 साल की लड़की को वो रात झेलना पड़ा ?
 इस अशिक्षित समाज पे जन्म लेना या  इस समाज में लड़की होना ।।

©Meantime Morjana

#Chhuan

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