Shiva Nand Tiwari

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आप तो आप हो ही साहब, पर मैं भी मैं ही हूँ।

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मुश्किलें वक़्त के साथ गुजर जाएंगी, चलता चल राही कर्म की राह पर। बूँद बारिस की बन जब मुश्किलें मिलें, सब्र की लेके छतरी बढ़ मंजिलों की तरफ।। मुश्किलें............................. मुश्किलें बनके शोला जब जलाने लगें, धैर्य पानी सा लेके बुझाता तू चल।। मुश्किलें........................ मुश्किलें बन के तूफां जब उड़ाने लगे, शान्ति से वक्त अपना बिताता तू चल।। मुश्किलें............... मुश्किलें बन के काँटे जब मिलें राह पर, है लक्ष्य पाना अगर तो कुचल के तू बढ़।। मुश्किलें.............................. मुश्किलों से तेरा मन जब डिगेगा नहीं, जीतेगा तू ही सुन ले कभी न कभी।। मुश्किलें........................ ©Shiva Nand Tiwari

#नोजोटो #शायरी #fourlinepoetry #nojohindi  मुश्किलें वक़्त के साथ गुजर जाएंगी,
चलता चल राही कर्म की राह पर।

बूँद बारिस की बन जब मुश्किलें मिलें,
सब्र की लेके छतरी बढ़ मंजिलों की तरफ।।
मुश्किलें.............................

मुश्किलें बनके शोला जब जलाने लगें,
धैर्य पानी सा लेके बुझाता तू चल।।
मुश्किलें........................

मुश्किलें बन के तूफां जब उड़ाने लगे,
शान्ति से वक्त अपना बिताता तू चल।।
मुश्किलें...............

मुश्किलें बन के काँटे जब मिलें राह पर,
है लक्ष्य पाना अगर तो कुचल के तू बढ़।।
मुश्किलें..............................

मुश्किलों से तेरा मन जब डिगेगा नहीं,
जीतेगा तू ही सुन ले कभी न कभी।।
मुश्किलें........................

©Shiva Nand Tiwari

तो काँटे क्या कर पायेंगे। गर ठान लिया मन ही कुछ तो, मुश्किलें ठहर ना पाएंगी।। ©Shiva Nand Tiwari

#मुश्किलें #ज़िन्दगी #BanditQueen  तो काँटे क्या कर पायेंगे।
गर ठान लिया मन ही कुछ तो,
मुश्किलें ठहर ना पाएंगी।।

©Shiva Nand Tiwari

धैर्य साथ यदि न छोड़ा, लहरों की दिशा बदल लूँगा। खुद ही राह नहीं भटका,तो पथ पत्थर से सजवा दूँगा। दो-चार बूँद पड़ जाने से, मिट्टी के मका नहीं गिरते। गर बारिस भी कोई साज़िश है,तो ये साज़िश विफल करा दूँगा। गर्व नहीं यह ढाढ़स है, खुद के मन की पीड़ा को। यदि दुख ही मेरा सुख तेरा है,तो अब खुद की खुशी बढ़ा लूँगा।। दो-चार बूँद गिर जाने से आँखें सूख नहीं जाती। गर भीगी पलकों पर हँसता है,तो अब पलकें अपनी सुखा लूँगा।। ©Shiva Nand Tiwari

#हिंदी #कविता #धैर्य  धैर्य साथ यदि न छोड़ा,
लहरों की दिशा बदल लूँगा।
खुद ही राह नहीं भटका,तो
पथ पत्थर से सजवा दूँगा।
दो-चार बूँद पड़ जाने से,
मिट्टी के मका नहीं गिरते।
गर बारिस भी कोई साज़िश है,तो
ये साज़िश विफल करा दूँगा।
गर्व नहीं यह ढाढ़स है,
खुद के मन की पीड़ा को।
यदि दुख ही मेरा सुख तेरा है,तो
अब खुद की खुशी बढ़ा लूँगा।।
दो-चार बूँद गिर जाने से 
आँखें सूख नहीं जाती।
गर भीगी पलकों पर हँसता है,तो
अब पलकें अपनी सुखा लूँगा।।

©Shiva Nand Tiwari

क्यों? क्या हुआ? इतना रोते क्यों हो? जो बात बीत गयी, उसे दोहराते क्यों हो? 😊 -Shiva Nand Tiwari

#RaysOfHope #बात  क्यों?
क्या हुआ?
इतना रोते क्यों हो?
जो
बात बीत गयी,
उसे दोहराते क्यों हो?
😊
-Shiva Nand Tiwari

#RaysOfHope #बात Writter Mano Lahar Khushboo Gola Rajesh mandal

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