Molu Writer

Molu Writer Lives in Karnal, Haryana, India

birthday 10 August 2001

https://youtu.be/Dgrslv8t_kA

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White तस्वीरों में देखना ही उसे, बस ये ही नसीब रह गया.... सब कुछ पाकर भी उसे नही पाया, बस उसे पाना रह गया..... उसे तो समझा दिया है मैने, कि... रहो अपने नए हमसफ़र के साथ, बस अनमोल खुद को समझना रह गया...... तस्वीरों में देखना ही उसे, बस ये ही नसीब रह गया.... ©Molu Writer

#moluwritershayari #moluwritershyari #hindishayari #loveshayari #Moluwriter  White तस्वीरों में देखना ही उसे, बस ये ही नसीब रह गया....
सब कुछ पाकर भी उसे नही पाया, बस उसे पाना रह गया.....
उसे तो समझा दिया है मैने, कि...
रहो अपने नए हमसफ़र के साथ,

बस अनमोल खुद को समझना रह गया......
तस्वीरों में देखना ही उसे, बस ये ही नसीब रह गया....

©Molu Writer

White तुमसे जायदा जरूरत, इस घर को हैं मेरी.... मेरी तो इस बंधन में बंध गई है, लेकिन अभी उम्र बाकी है तेरी...... तुम खुद को शायद संभाल लो अनमोल, लेकिन इस घर को संभालने के लिए, यहां जरूरत है मेरी... फासले जीत गए हमारे बीच के, बस अब याद के तौर पर एक तसवीर है तेरी.... तुम खुद को शायद संभाल लो अनमोल, लेकिन अब तुमसे जायदा, इस घर को जरूरत है मेरी.... ©Molu Writer

#moluwritershayari #moluwritershyari #love_qoutes #Moluwriter #Shayar  White तुमसे जायदा जरूरत, इस घर को हैं मेरी....
मेरी तो इस बंधन में बंध गई है,
लेकिन अभी उम्र बाकी है तेरी......
तुम खुद को शायद संभाल लो अनमोल,
लेकिन इस घर को संभालने के लिए, यहां जरूरत है मेरी...
फासले जीत गए हमारे बीच के,
बस अब याद के तौर पर एक तसवीर है तेरी....
तुम खुद को शायद संभाल लो अनमोल,
लेकिन अब तुमसे जायदा, इस घर को जरूरत है मेरी....

©Molu Writer

एक..., चहरे पर, मुस्कान का ठिकाना नही होता, जब उनसे बात होती है....// और एक...., दुःख सहा नही जाता, कि अब तुमसे से भी जरूरी, बहुत कुछ है, उसकी जिंदगी में, जब ये बात मालूम होती है....// फिर एक बार.., दिल ठहर जाता है उनको सुनने के लिए, हम चुप हो जाते और उनकी बाते शुरू होती है....// और फिर से घाव दर्द देने लगता है, जब पता चले कि, वो किसी भी सूरत में तुम्हारा नही हो सकता, जब ये बात जहन में घर होती है....// वो खुदा तो नही अनमोल, लेकिन खुदा से कम भी नहीं...., क्योंकि उसके इंतजार में हदे पार होती हैं....// एक..., चहरे पर, मुस्कान का ठिकाना नही होता, जब उनसे बात होती है....// और एक...., दुःख सहा नही जाता, कि वो पास नही होती, लेकिन उनकी बात होती है....// एक..., चहरे पर, मुस्कान का ठिकाना नही होता, जब उनसे बात होती है....// ©Molu Writer

#moluwritershayari #moluwritershyari #realtyoflife #loveshayari #Moluwriter  एक..., चहरे पर, मुस्कान का ठिकाना नही होता,
जब उनसे बात होती है....//
और एक...., दुःख सहा नही जाता, 
कि अब तुमसे से भी जरूरी, बहुत कुछ है, उसकी जिंदगी में,
जब ये बात मालूम होती है....//
फिर एक बार.., दिल ठहर जाता है उनको सुनने के लिए,
हम चुप हो जाते और उनकी बाते शुरू होती है....//
और फिर से घाव दर्द देने लगता है, जब 
पता चले कि, वो किसी भी सूरत में तुम्हारा नही हो सकता,
जब ये बात जहन में घर होती है....//
वो खुदा तो नही अनमोल, लेकिन खुदा से कम भी नहीं....,
क्योंकि उसके इंतजार में हदे पार होती हैं....//
एक..., चहरे पर, मुस्कान का ठिकाना नही होता,
जब उनसे बात होती है....//
और एक...., दुःख सहा नही जाता, कि वो पास नही होती,
लेकिन उनकी बात होती है....//
एक..., चहरे पर, मुस्कान का ठिकाना नही होता,
जब उनसे बात होती है....//

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तुम्हारा साथ तो है...., पर यादों में...... तुम्हारा जिक्र तो है...., पर किताबों में...... पड़ा है एक अधूरा किस्सा..., हमारा तुम्हारा, पर, उम्मीद की बाहों में...., तुम्हारी यादों को ही बस..., आजादी मिली है, वरना बेडिया पड़ी है पांव में...// पड़ा है एक अधूरा किस्सा..., अनमोल का, उम्मीद की बाहों में....,// ©Molu Writer

#moluwritershayari #moluwritershyari #sad_shayari #Moluwriter #shayaari  तुम्हारा साथ तो है...., पर यादों में......
तुम्हारा जिक्र तो है...., पर किताबों में......
पड़ा है एक अधूरा किस्सा..., हमारा तुम्हारा,
पर, उम्मीद की बाहों में....,
तुम्हारी यादों को ही बस..., आजादी मिली है,
वरना बेडिया पड़ी है पांव में...//
पड़ा है एक अधूरा किस्सा..., अनमोल का,
उम्मीद की बाहों में....,//

©Molu Writer

फिर चीरहर्ण हुआ, फिर वस्त्र उतारे गए..... युग बदल गए, लेकिन राक्षस अभी भी वही पहचाने गए...// इस बार द्रोपति की गुहार पर कान्हा नही आए.... लेकिन आर्यवर्त में, नए दूसासन पहचाने गए.....// पहचानी तो गई धरती वही है, अर्जुन और वासुदेव वाली, लेकिन अफ़सोस, इस द्रोपत्ति के अपमान के लिए, मोमबत्ती उठाई गई, महाभारत के लिए...., हथियार नहीं उठाए गए....// फिर चीरहर्ण हुआ, फिर वस्त्र उतारे गए..... युग बदल गए, लेकिन राक्षस वही पुराने पहचाने गए...// ©Molu Writer

#moluwritershayari #moluwritershyari #Moluwriter #rapist  फिर चीरहर्ण हुआ, फिर वस्त्र उतारे गए.....
युग बदल गए, लेकिन राक्षस अभी भी वही पहचाने गए...//
इस बार  द्रोपति की गुहार पर कान्हा नही आए....
लेकिन आर्यवर्त में, नए दूसासन पहचाने गए.....//
पहचानी तो गई धरती वही है, अर्जुन और वासुदेव वाली,
लेकिन अफ़सोस, इस द्रोपत्ति के अपमान के लिए, 
मोमबत्ती उठाई गई, 
महाभारत के लिए...., हथियार नहीं उठाए गए....//
फिर चीरहर्ण हुआ, फिर वस्त्र उतारे गए.....
युग बदल गए, लेकिन राक्षस वही पुराने पहचाने गए...//

©Molu Writer

White बोल रही थी, मिलना है तुमसे, तुम्हे करीब से देखे भी कितना वक्त गुजर गया....// हमारी पिछली उस मुलाकात को भी, एक लम्बा अरसा गुजर गया.....// हो वैसे ही जैसे पिछली मुलाकात में थे, या तेरे अंदर से भी अनमोल बदलाव का झोंका गुजर गया...// ©Molu Writer

#moluwritershayari #moluwritershyari #loveshayari #sad_shayari #hateshayari  White बोल रही थी, मिलना है तुमसे, 
तुम्हे करीब से देखे भी कितना वक्त गुजर गया....//

हमारी पिछली उस मुलाकात को भी,
 एक लम्बा अरसा गुजर गया.....//
हो वैसे ही जैसे पिछली मुलाकात में थे,
या तेरे अंदर से भी अनमोल बदलाव का झोंका गुजर गया...//

©Molu Writer
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