बचपन से पढ़ना और लिखना मेरी जिंदगी रहा है! यह बात अलग है कि यह राज़ मैंने किसी से न कहा है!! क्योंकि वक्त के थपेड़ो से इस *संजू* ने बहुत कुछ सहा है! आज "नोजोटो" परिवार ने मुझे कुछ लिखने-कहने का मौका दिया है!! इसलिए यह *संजू* भी लिखने का अधिकारी हुआ है! धन्यवाद ह्रदय से इस *संजू* ने बार-बार किया है!! जय श्री राम 🙏 जय मां सरस्वती 🙏
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