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a-person-standing-on-a-beach-at-sunset *जीवन में अपना व्यक्तित्व शून्य रखिये* *ताकि कोई उसमें कुछ भी घटा न सके* *लेकिन....* *जिसके साथ खड़े हो जाएं* *उसकी कीमत दस गुना बढ़ जाये* *🌹 सुप्रभात*🌹 ©अक़श

#Quotes #SunSet  a-person-standing-on-a-beach-at-sunset *जीवन में अपना व्यक्तित्व शून्य रखिये*
*ताकि कोई उसमें कुछ भी घटा न सके*
                  *लेकिन....*
    *जिसके साथ खड़े हो जाएं*
        *उसकी कीमत दस गुना बढ़ जाये*

*🌹 सुप्रभात*🌹

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#SunSet a love quotes

11 Love

Unsplash 🌹🎉 राष्ट्र की सुप्त आत्मा मे मैं ज्योति जलाने आया हूँ भारत के कणकण रज़ को संसद मे सजाने लाया हूँ सौगंध मुझे इस मिट्टी की मैं देश नहीं बटने दूंगा मैं देश नहीं झुकने दूंगा 🌷 🌷🌷🌷🌷🌷 जन जन की भावनाओं मे नवदीप जलाने आया हूँ राष्ट्र एकता की अब नयी ध्वजा फहराने आया हूँ 🌷🌷🌷🌷🌷🌷 समय नहीं है अब ज्यादा मैं यही बताने आया हूँ जाति-पाँति मे बटे न देश एक सूत्र मे बंधे देश अब यही समझाने आया हूँ 🎉🌹 🌷🌷🌷🌷🌷🌷 बहुत कट चुके बहुत बट चुके अब और नहीं बटेंगे हम एक रहेंगे सेफ रहेंगे देश नहीं बटने देंगे 🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷 भारत के तिरेंगे ध्वज को विश्व मैं हर ओर लहराकर विश्व गुरु भारत को उन्नति के उच्च शिखर पर पहुँचायेंगे 🎉🌹 (अक़श )@#### ©अक़श

 Unsplash 🌹🎉 राष्ट्र की सुप्त आत्मा मे     
          मैं ज्योति जलाने आया हूँ 
         भारत के कणकण रज़ को 
         संसद मे सजाने लाया हूँ 
         सौगंध मुझे इस मिट्टी की 
         मैं देश नहीं बटने दूंगा 
         मैं देश नहीं झुकने दूंगा 
        🌷 🌷🌷🌷🌷🌷
         जन जन की भावनाओं मे 
         नवदीप जलाने आया हूँ
         राष्ट्र एकता की अब नयी 
         ध्वजा फहराने आया हूँ 
         🌷🌷🌷🌷🌷🌷
         समय नहीं है अब ज्यादा 
         मैं यही बताने आया हूँ 
         जाति-पाँति मे बटे न देश 
        एक सूत्र मे बंधे देश अब 
        यही समझाने आया हूँ 🎉🌹
         🌷🌷🌷🌷🌷🌷 
      बहुत कट चुके बहुत बट चुके 
      अब और नहीं बटेंगे हम 
       एक रहेंगे सेफ रहेंगे 
       देश नहीं बटने देंगे 
      🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷
       भारत के तिरेंगे ध्वज को 
       विश्व मैं हर ओर लहराकर 
       विश्व गुरु भारत को उन्नति के 
       उच्च शिखर पर पहुँचायेंगे 🎉🌹

              (अक़श )@####

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#leafbook love poetry in hindi

28 Love

Unsplash 🕉️ *सुप्रभात संदेश* 🕉️ *मनुष्य का सबसे अच्छा "मित्र"* *स्वयं का "अंतःकरण" (अंतरआत्मा) होता है* *जो अच्छी बातों पर "सराहना" करता है* *और गलत बातों पर "झकझोर" देता है!* 🙏🏾 *जय श्री राम* 🙏🏾 *॥ सुप्रभात ॥* *आज का दिन आपका मंगलमय हो ।* ©अक़श

#leafbook #Quotes  Unsplash 🕉️ *सुप्रभात संदेश* 🕉️

          *मनुष्य का सबसे अच्छा "मित्र"*
 *स्वयं का "अंतःकरण" (अंतरआत्मा) होता है*
    *जो अच्छी बातों पर "सराहना" करता है*
     *और गलत बातों पर "झकझोर" देता है!*
                  
    🙏🏾 *जय श्री राम* 🙏🏾

 *॥ सुप्रभात ॥*
 *आज का दिन आपका मंगलमय हो ।*

©अक़श

#leafbook love quotes in hindi

11 Love

Unsplash जो गुन रहित सगुन सोइ कैसें। जलु हिम उपल बिलग नहिं जैसें॥ जासु नाम भ्रम तिमिर पतंगा। तेहि किमि कहिअ बिमोह प्रसंगा॥ भावार्थ- जो निर्गुण है वही सगुण कैसे है? जैसे जल और ओले में भेद नहीं। (दोनों जल ही हैं, ऐसे ही निर्गुण और सगुण एक ही हैं।) जिसका नाम भ्रमरूपी अंधकार के मिटाने के लिए सूर्य है, उसके लिए मोह का प्रसंग भी कैसे कहा जा सकता है? ©अक़श

#leafbook #Quotes  Unsplash जो गुन रहित सगुन सोइ कैसें। जलु हिम उपल बिलग नहिं जैसें॥
जासु नाम भ्रम तिमिर पतंगा। तेहि किमि कहिअ बिमोह प्रसंगा॥
भावार्थ-
जो निर्गुण है वही सगुण कैसे है? जैसे जल और ओले में भेद नहीं। (दोनों जल ही हैं, ऐसे ही निर्गुण और सगुण एक ही हैं।) जिसका नाम भ्रमरूपी अंधकार के मिटाने के लिए सूर्य है, उसके लिए मोह का प्रसंग भी कैसे कहा जा सकता है?

©अक़श

#leafbook quotes on love

15 Love

Unsplash 🌹काशी काव्य संगम परिवार 🌹 🌷मंच को सादर नमन 🌷 शीर्षक :- तुमने आकर दर्द को विधा :- गज़ल दिनाँक :- 20/12/24 स्वरचित/मौलिक/अप्रकाशित रचना 🎉जब दर्द को सीने मे छिपा लेते हैं लोग वही दर्द गज़ल बनकर तब आता है सामने दर्द को खुलकर वयाँ तो करो महफिल के सामने दर्द खुदवाखुद खोलेगा फिर किस्से हिज़ाब के दर्द को सीने से क्या लगाया यह नासूर बन गया तूने कभी मेरे दर्द को महसूस ही नहीं किया दर्द कहते है किसे यह तुझे ख़ुद ही नहीं पता फिर बेबजह तूने प्यार का इजहार कर दिया बरसो लगे थे दर्द को सीने मैं समेटने मैं तुमने आकर दर्द को क्यों मजबूर कर दिया अक़श दर्पण मे देखकर तुझे इजहार कर बैठे इजहारे इश्क ने मुझे बदनाम कर किया🎉 (अक़श )@#### ©अक़श

 Unsplash 🌹काशी काव्य संगम परिवार 🌹
     🌷मंच को सादर नमन 🌷
       शीर्षक :- तुमने आकर दर्द को 
        विधा :-  गज़ल  
        दिनाँक :- 20/12/24
स्वरचित/मौलिक/अप्रकाशित रचना 
🎉जब दर्द को सीने मे 
              छिपा लेते हैं लोग 
    वही दर्द गज़ल बनकर 
              तब आता है सामने 
    दर्द को खुलकर वयाँ तो 
               करो महफिल के सामने 
    दर्द खुदवाखुद खोलेगा 
                फिर किस्से हिज़ाब के 
    दर्द को सीने से क्या लगाया 
                यह नासूर  बन गया 
    तूने कभी मेरे दर्द को 
                महसूस ही नहीं किया 
    दर्द कहते है किसे यह 
               तुझे ख़ुद ही नहीं पता 
   फिर बेबजह तूने प्यार का 
               इजहार कर दिया 
   बरसो लगे थे दर्द को 
                सीने मैं समेटने मैं
   तुमने आकर दर्द को 
                क्यों मजबूर कर दिया 
   अक़श दर्पण मे देखकर 
                 तुझे इजहार कर बैठे 
   इजहारे इश्क ने मुझे 
                  बदनाम कर किया🎉
         (अक़श )@####

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#leafbook shayari on love

15 Love

Unsplash *हमारे भीतर छिपी अच्छाइयां,* *-बेशक अदृश्य हो सकती है--!* *---लेकिन---* *-इनकी छाप हमेशा दूसरों के,* *-हृदय में विराजमान रहती है--!!* *🌹सुप्रभात*🌹 ©अक़श

#leafbook #Quotes  Unsplash *हमारे भीतर छिपी अच्छाइयां,*
     *-बेशक अदृश्य हो सकती है--!*
    *---लेकिन---*
       *-इनकी छाप हमेशा दूसरों के,*
       *-हृदय में विराजमान रहती है--!!*
               
     *🌹सुप्रभात*🌹

©अक़श

#leafbook quotes quotes on love

15 Love

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