💝🤯 हमदर्द एक सरदर्द 🤯💝
ना था कोई हमदर्द
ना था कोई सरदर्द
फिर मिला एक हमदर्द
उसी ने दिया सरदर्द
सोचा, क्यूं ना सरदर्द में मलहम लगाई जाए
उस हमदर्द से ही सरदर्द की दवा बनवाई जाए
फिर ,उस हमदर्द ने सरदर्द की दवा जो बनाई
उस दवा में मानो नमक प्रचूर मात्रा से मिलाई
फिर, उस दवा ने असर जब दिखाया
नए दर्द ने पुराने दर्द को भी निकाल कर बाहर लाया
और, हमदर्द का सरदर्द से कभी भी पीछा नहीं छूट पाया
तzeen ✍️
©Tazeen Fatima
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