Nilesh Singh

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White बच्चे से जब माँ का साथ छूट जाए बाप का साया जब सर से उठ जाए अगर दोस्त गुमनाम हो जाए जीवन-संगिनी जब रूठ जाए प्रेमी की प्रेमिका जब साथ छोड़ जाए तब जीवन का दस्तूर समझ में आता है अच्छा-अच्छा तीस मार खां मजबूर नजर आता है ये जिसके साथ होता है उसे ही समझ आता है ✒️ नीलेश सिंह ©Nilesh Singh

#Sad_Status #SAD  White बच्चे से जब माँ का साथ छूट जाए
बाप का साया जब सर से उठ जाए
अगर दोस्त  गुमनाम हो जाए
जीवन-संगिनी जब रूठ जाए 
प्रेमी की प्रेमिका जब साथ छोड़ जाए
                  तब 
जीवन का दस्तूर समझ में आता है
अच्छा-अच्छा तीस मार खां मजबूर नजर आता है
ये जिसके साथ होता है उसे ही समझ आता है


✒️ नीलेश सिंह

©Nilesh Singh

#Sad_Status

14 Love

New Year 2025 नयी चीजों में हमेशा डर बना रहता है आजमाई चीजे हमेशा अच्छी होती है ✒️नीलेश सिंह ©Nilesh

#Newyear2025 #Quotes  New Year 2025  नयी चीजों में हमेशा डर बना रहता है 
आजमाई चीजे हमेशा अच्छी होती है 




✒️नीलेश सिंह

©Nilesh

#Newyear2025

10 Love

New Year Resolutions अपने आंसू खुद से पोछना कोई और पोंछे गा तो उसकी कीमत चुकानी होगी ©Nilesh

#newyearresolutions #Quotes  New Year Resolutions अपने आंसू खुद से पोछना
कोई और पोंछे गा तो उसकी कीमत चुकानी होगी

©Nilesh

New Year 2024-25 जो गुजर गया वो शानदार था हम मिडल क्लास वालों को समझोते की आदत होती है ©Nilesh

#Newyear2024 #Quotes  New Year 2024-25 जो गुजर गया वो शानदार था 
हम मिडल क्लास वालों को समझोते की आदत होती है

©Nilesh

#Newyear2024-25

14 Love

New Year 2024-25 शिकायत नहीं बस खुद से सवाल था पीछे जो छूटा वो भी कमाल था जो पीछे मिला था उसे ही न सम्भाल पाया नया पाने से ज्यादा पुराना छूटने का मलाल था क्या खोया क्या पाया इसका क्या हिसाब लगाऊँ जैसा भी था,जो भी बीता मगर बेहतरीन वो साल था नीलेश सिंह ©Nilesh

#Newyear2024 #Quotes  New Year 2024-25 शिकायत नहीं बस खुद से सवाल था 
पीछे जो छूटा वो भी कमाल था 
जो पीछे मिला था उसे ही न सम्भाल पाया 
नया पाने से ज्यादा पुराना छूटने का मलाल था
क्या खोया क्या पाया इसका क्या हिसाब लगाऊँ 
जैसा भी था,जो भी बीता मगर बेहतरीन वो साल था 



नीलेश सिंह

©Nilesh

#Newyear2024-25

11 Love

White जो हुआ संग मेरे,नहीं मैं हैरानी में , बूढ़ा हो गया,मैं इस जवानी में मुझे किरदार मिला था चुप रहने का न जाने क्यों बोल उठा मैं इस कहानी में मैं साफ नियत वालों को ढूंढ रहा था इस शहर में, याद आया!मैं तो रहता हूं प्रदूषित राजधानी में नीलेश सिंह पटना विश्वविद्यालय ©Nilesh

#Niyat  White  जो हुआ संग मेरे,नहीं मैं हैरानी में ,
बूढ़ा हो गया,मैं इस जवानी में
मुझे किरदार मिला था चुप रहने का
न जाने क्यों बोल उठा मैं इस कहानी में
मैं साफ नियत वालों को ढूंढ रहा था इस शहर में, 
याद आया!मैं तो रहता हूं प्रदूषित राजधानी में 


      नीलेश सिंह
   पटना विश्वविद्यालय

©Nilesh

#Niyat

11 Love

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