आनन्द कुमार

आनन्द कुमार Lives in Ghaziabad, Uttar Pradesh, India

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White खो दिया तुमने मुझे बार-बार आजमाने में, सबसे मिलता नहीं हूं मैं, ऐसे जमाने में। अब नहीं फंसेंगे किसी के नैनों के पैमाने में, बहुत दिल दुखता है, ये कम्बख़त दिल लगाने में। ---------आनन्द ©आनन्द कुमार

#आनन्द_गाजियाबादी #Anand_Ghaziabadi #कविता #जमाने  White खो दिया तुमने मुझे बार-बार आजमाने में,
सबसे मिलता नहीं हूं मैं, ऐसे जमाने में।

अब नहीं फंसेंगे किसी के नैनों के पैमाने में,
बहुत दिल दुखता है, ये कम्बख़त दिल लगाने में।
                                      ---------आनन्द

©आनन्द कुमार

White आती नहीं तूं अब ख्यालों में मेरे, तूं ऐसे मुझ में अब मशरूफ हो गई है। बहुत रोका खुद को, तुझसे इश्क़ करने से, मगर पता ही नहीं चला, कि कब तूं मेरी माशूका हो गई है? तेरी यादों से बहुत पूछा तेरा पता, मगर वो भी तेरी तरह मुझ में कहीं खो गई है। आना जब भी, मेरी बन कर आना, कैसे बताऊं कि तूं कहीं खो गई है? तेरे बिना लगता नहीं दिल मेरा,  जल्दी आना, अब तेरी आदत हो गई है।                               ----------आनन्द ©आनन्द कुमार

#आनन्द_गाजियाबादी #माशूका #Anand_Ghaziabadi #कविता  White आती नहीं तूं अब ख्यालों में मेरे,
तूं ऐसे मुझ में अब मशरूफ हो गई है।

बहुत रोका खुद को, तुझसे इश्क़ करने से,
मगर पता ही नहीं चला,
कि कब तूं मेरी माशूका हो गई है?

तेरी यादों से बहुत पूछा तेरा पता,
मगर वो भी तेरी तरह मुझ में कहीं खो गई है।

आना जब भी, मेरी बन कर आना,
कैसे बताऊं कि तूं कहीं खो गई है?

तेरे बिना लगता नहीं दिल मेरा, 
जल्दी आना, अब तेरी आदत हो गई है।

                              ----------आनन्द

©आनन्द कुमार

White ये कातिल खंजर सी मुस्कान को छुपाया ना करों, यूं आहिस्ता-आहिस्ता पलकें झपकाया ना करों। इश्क़ बड़ा नादान है, ये महबूब के बिना रह नहीं सकता। बहुत शर्मीला है, कुछ कह नहीं सकता। इसको तड़पाया ना करों, यूं मुझसे दूर ज़ाया ना करों। ---------आनन्द ©आनन्द कुमार

#आनन्द_गाजियाबादी #Anand_Ghaziabadi #कविता #इश्क #ishq  White 

ये कातिल खंजर सी मुस्कान को छुपाया ना करों,
यूं आहिस्ता-आहिस्ता पलकें झपकाया ना करों।

 इश्क़ बड़ा नादान है,
ये महबूब के बिना रह नहीं सकता।
बहुत शर्मीला है, कुछ कह नहीं सकता।

इसको तड़पाया ना करों,
यूं मुझसे दूर ज़ाया ना करों।
                                      ---------आनन्द

©आनन्द कुमार

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White ये कातिल खंजर सी मुस्कान को छुपाया ना करों, यूं आहिस्ता-आहिस्ता पलकें झपकाया ना करों। इश्क़ बड़ा नादान है, ये महबूब के बिना रह नहीं सकता। बहुत शर्मीला है, कुछ कह नहीं सकता। इसको तड़पाया ना करों, यूं मुझसे दूर ज़ाया ना करों। -------------आनन्द ©आनन्द कुमार

#आनन्द_गाजियाबादी #Anand_Ghaziabadi #कविता #कातिल #हसीन  White 

ये कातिल खंजर सी मुस्कान को छुपाया ना करों,
यूं आहिस्ता-आहिस्ता पलकें झपकाया ना करों।

 इश्क़ बड़ा नादान है,
ये महबूब के बिना रह नहीं सकता।
बहुत शर्मीला है, कुछ कह नहीं सकता।

इसको तड़पाया ना करों,
यूं मुझसे दूर ज़ाया ना करों।
                                -------------आनन्द

©आनन्द कुमार

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White दरवाजा बन्द ही कहां था? बस हमने खटखटाना छोड़ दिया। देख लोगों की बेरुखी, हमने भी अपना मुंह मोड़ लिया। लोग बुलाते थे हमे वें मन से, हमने उनकी महफिलों में जाना छोड़ दिया। रूबरू होते थे जो मतलब, हमने उनको बेमतलब बुलाना छोड़ दिया। दर्द थे कुछ अपने, हमने उनको बताना छोड़ दिया। ---------आनन्द ©आनन्द कुमार

#आनन्द_गाजियाबादी #दरवाजे #Anand_Ghaziabadi #कविता #मैं  White दरवाजा बन्द ही कहां था?
बस हमने खटखटाना छोड़ दिया।

देख लोगों की बेरुखी,
हमने भी अपना मुंह मोड़ लिया।

लोग बुलाते थे हमे वें मन से,
हमने उनकी महफिलों में जाना छोड़ दिया।

रूबरू होते थे जो मतलब,
हमने उनको बेमतलब बुलाना छोड़ दिया।

दर्द थे कुछ अपने,
हमने उनको बताना छोड़ दिया।
                                   ---------आनन्द

©आनन्द कुमार

White दरवाजा बन्द ही कहां था? बस हमने खटखटाना छोड़ दिया। देख लोगों की बेरुखी, हमने अपना मुंह मोड़ लिया। लोग बुलाते थे हमे वें मन से, हमने उनकी महफिलों में जाना छोड़ दिया। रूबरू होते थे जो मतलब, हमने उनको बेमतलब बुलाना छोड़ दिया। दर्द थे कुछ अपने, हमने उनको बताना छोड़ दिया। -------------आनन्द ©आनन्द कुमार

#खटखटाना #कविता #तुम #मै  White दरवाजा बन्द ही कहां था?
बस हमने खटखटाना छोड़ दिया।

देख लोगों की बेरुखी,
हमने अपना मुंह मोड़ लिया।

लोग बुलाते थे हमे वें मन से,
हमने उनकी महफिलों में जाना छोड़ दिया।

रूबरू होते थे जो मतलब,
हमने उनको बेमतलब बुलाना छोड़ दिया।

दर्द थे कुछ अपने,
हमने उनको बताना छोड़ दिया।
                         -------------आनन्द

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#मै #तुम #खटखटाना हिंदी कविता

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