Harishh...

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तुम्हारी हँसी ही मेरा स्वार्थ है, फिर कैसे कह दूँ कि मेरा प्रेम निस्वार्थ है ! Harishh... ✍️ . ©Harishh...

#लव  तुम्हारी हँसी ही मेरा स्वार्थ है, 
फिर कैसे कह दूँ कि मेरा प्रेम निस्वार्थ है ! 

Harishh... ✍️


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©Harishh...

तुम्हारी हँसी ही मेरा स्वार्थ है, फिर कैसे कह दूँ कि मेरा प्रेम निस्वार्थ है ! Harishh... ✍️ . ©Harishh...

11 Love

ये हीर, हूर और हुस्न, ये आईने, शक्ल और रूप सबको अब दफा करूँ, एक तुझसे ही अब वफ़ा करूँ! मेरे रोम रोम हर साँस में ,बस तू ही तू मौजूद रहे मैं मर ही जाऊँ अगर, जो खुद को तुझसे खफ़ा करूँ !! Harishh... ✍️ ©Harish Rajput...

#भक्ति  ये हीर, हूर और हुस्न, ये आईने, शक्ल और रूप
सबको अब दफा करूँ, एक तुझसे ही अब वफ़ा करूँ! 
मेरे रोम रोम हर साँस में ,बस तू ही तू मौजूद रहे
मैं मर ही जाऊँ अगर, जो खुद को तुझसे खफ़ा करूँ !!
Harishh... ✍️

©Harish Rajput...

krishna..... 💕

10 Love

वो, जो दुनिया में रहकर भी दुनिया से पर्दा करता है, वो शख्स तेरे बाद भी केवल तुझको ही सजदा करता है! ©हरीश,,,

#शायरी  वो, जो दुनिया में रहकर भी
दुनिया से पर्दा करता है, 
वो शख्स तेरे बाद भी
केवल तुझको ही सजदा करता है!

©हरीश,,,

shayari

13 Love

जीवन के दो पल, मुझे उधार ही दे दो सुकून की हों घड़ियाँ, भले दो चार ही दे दो, जमाना तुम रख लो, मुझे मेरा यार ही दे दो सुंदर भी हों गर फूल काग़ज के, तो मेरे किस काम के, मुझे तकलीफ़ भी मिले तो सच्ची लगे फिर चाहे काँटों का हार ही दे दो! ©हरीश,,,

#शायरी  जीवन के दो पल, मुझे उधार ही दे दो
सुकून की हों घड़ियाँ, भले दो चार ही दे दो, 
जमाना तुम रख लो, मुझे मेरा यार ही दे दो
सुंदर भी हों गर फूल काग़ज के, तो मेरे किस काम के,
मुझे तकलीफ़ भी मिले तो सच्ची लगे
फिर चाहे काँटों का हार ही दे दो!

©हरीश,,,

Flowers without fragrance...

9 Love

जीवन के दो पल मुझे उधार ही दे दो, सुकून की हों घड़ियाँ भले दो चार ही दे दो! जमाना तुम रख लो मुझे मेरा यार ही दे दो, सुंदर भी हों गर फूल काग़ज के तो मेरे किस काम के मुझे तकलीफ़ भी दो तो सच्ची लगे फिर चाहे काँटों का हार ही दे दो! ©Harishh,,,

#शायरी  जीवन के दो पल मुझे उधार ही दे दो, 
सुकून की हों घड़ियाँ भले दो चार ही दे दो!
जमाना तुम रख लो मुझे मेरा यार ही दे दो, 
सुंदर भी हों गर फूल काग़ज के तो मेरे किस काम के
 मुझे तकलीफ़ भी दो तो सच्ची लगे
फिर चाहे काँटों का हार ही दे दो!

©Harishh,,,

A flower without fragrance,,,

16 Love

मैं ये जो कुछ भी लिख देता हूँ बस वक्त गुजारने का एक बहाना है सोचो जिस दिन प्यार में लिखूँगा तो क्या क्या लिखूँगा, ये इबादत, ये इश्क और ये मेरी कविताएँ जो पहाड़ों, नदियों और पंछियों के लिए हैं सोचो, जिस दिन इंसानों पे लिखूँगा तो क्या क्या लिखूँगा !! ©Harishh,,,

#कविता  मैं ये जो कुछ भी लिख देता हूँ
बस वक्त गुजारने का एक बहाना है
सोचो जिस दिन प्यार में लिखूँगा
तो क्या क्या लिखूँगा, 

ये इबादत, ये इश्क और ये मेरी कविताएँ
जो पहाड़ों, नदियों और पंछियों के लिए हैं
सोचो, जिस दिन इंसानों पे लिखूँगा
तो क्या क्या लिखूँगा !!

©Harishh,,,

Ibaadat... ✍🏻

16 Love

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