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Writer of Hindi Poetry books 1.Prahari, 2.Rahi chal, 3.Vande Bharat.4. Jagrani
कितना पावन शान्त है, गंगा जी का तीर जहाँ प्राण पुलकित करे, शीतल,मंद समीर। ©Anil Mishra Prahari
Anil Mishra Prahari
16 Love
केवट तो प्रभु पा गया, चरण-कमल की धूल मैं क्यों वंचित स्नेह से, हुई कहाँ पर भूल। ©Anil Mishra Prahari
9 Love
राम-रसायन पान से, सकल व्याधियाँ दूर अमृत प्रभु का नाम है, पीना इसे जरूर। ©Anil Mishra Prahari
14 Love
शबरी के घर चख लिए, जा कर जूठे बेर 'प्रहरी'-कुटी न कीजिए, आने में हरि देर। ©Anil Mishra Prahari
कण- कण में श्री राम हैं, तीरथ भारतवर्ष दशरथ-सुत का आगमन,ह्रदय-कलश में हर्ष। ©Anil Mishra Prahari
टूटी 'प्रहरी' नाव है, तेज नदी की धार चाहेंगे रघुनाथ तो, होगा बेड़ा पार। ©Anil Mishra Prahari
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