White उम्र गुज़र चली है ,रिश्तों को निभाते निभाते
फिर भी मिल ना सका कोई ऐसा रिश्ता
जिसने मेरे साथ रिश्ता निभाया हो
अब ना कोई दिल में आता है ,ना ज़हन में
ना जाने आंसू कहां छुप गए हैं
दर्द का साथ अब निभाते नही
अब ना किसी रिश्ते के मायने हैं ,ना कोई मेरा अपना है
झूठे रिश्तों को निभाते निभाते खुद को खत्म कर लिया है मैने
ना किसी के लिए दर्द होता है ,ना किसी से कोई खुशी ही मिलती है
अब कोई चला जाए तो कोई मलाल नहीं
रुक जाए तो कोई खुशी नही
अब ज़माने ने उस मोड़ पर ला दिया है मुझे
जहां सब बेमतलब सा लगने लगा है
कुछ तो उस ईश्वर ने सोचा होगा मेरे लिए
वरना यूं ही तो मुझे मुझसे छीन नही लेता वो
यूं ही तो उसने मेरे दिल से सारे एहसास मिटाए ना होंगे
यू ही तो उसने मुझे सारी दुनिया से जुदा न किया होगा
यूं ही तो उसने मुझे बेजान नही किया होगा
यूं ही तो उसने मुझे जिंदा लाश नही किया होगा
कुछ तो मेरा ख्याल उसके ज़हन में आया होगा
©ख्वाबों से मज़बूरीयों तक का सफ़र
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