Chandan Pandey

Chandan Pandey Lives in Mirzapur, Uttar Pradesh, India

एक दिन निकलूंगा, चार दीवारों के बीच से मैं भूखा हूं, तलाश मे हूं, पर अभी मिला नहीं हूं मैं....👺~Sanu

https://youtube.com/@pcsprepguide?si=H6N2baGuKSIVVxUC

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White Sanu Pandey ©Chandan Pandey

 White Sanu Pandey

©Chandan Pandey

White Sanu Pandey ©Chandan Pandey

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कुछ ख़्वाब टूटे, कुछ ख़्वाब छुटे कहानी कई हैं, बताऊं किस बूते ये दुनिया अब काटे, किनारे को छांटे मै खुद में हूं सिमटा और मंजिल भी डांटे चले हो फतह करने, सिकंदर के जैसे कमर टेक बैठे, विपाशा के आगे चलो अब खड़े हो, कलम के सहारे कलम के सिपाही, क्यूं! हिम्मत हो हारे ये डर कैसा, है जो तुम्हे लग गया गर आंधी धारा पे, गगन छू के आ ये बातें भी सुन, जो तुम्हारे गढ़े अभी मंजिल आगे, इधर क्यों खड़े मै फिर से हंसा, और आंसु छिपा कुछ शब्द हैं गढ़े और फिर से लिखा कई रास्ते पे हैं, पत्थर बिछे क्या हस्ती है, अब वे गिरा दे मुझे जो अबकी गिरा तो फिर ऐसे उठूं तुम मानो, मैं शिव का पताका विजय ©Sanu Pandey

#कविता #Sanupoetry #emptiness #alone  कुछ ख़्वाब टूटे, कुछ ख़्वाब छुटे
कहानी कई हैं, बताऊं किस बूते
ये दुनिया अब काटे, किनारे को छांटे 
मै खुद में हूं सिमटा और मंजिल भी डांटे
चले हो फतह करने, सिकंदर के जैसे
कमर टेक बैठे, विपाशा के आगे
चलो अब खड़े हो, कलम के सहारे
कलम के सिपाही, क्यूं! हिम्मत हो हारे 
ये डर कैसा, है जो तुम्हे लग गया
गर आंधी धारा पे, गगन छू के आ
ये बातें भी सुन, जो तुम्हारे गढ़े
अभी मंजिल आगे, इधर क्यों खड़े
मै फिर से हंसा, और आंसु छिपा
कुछ शब्द हैं गढ़े और फिर से लिखा 
कई रास्ते पे हैं, पत्थर बिछे
क्या हस्ती है, अब वे गिरा दे मुझे
जो अबकी गिरा तो फिर ऐसे उठूं 
तुम मानो, मैं शिव का पताका विजय

©Sanu Pandey

#alone Vipasha-Beas River #emptiness #Sanupoetry

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#Motivational

tu kabhi thakega nahi, tu kabhi rukega nahi , kar sapath, kar sapath Agni path

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हर औरत वेश्या नहीं होती लेकिन हर वेश्या औरत होती है। इस बात को हमेशा याद रखना चाहिए। ...SAADAT HASAN MANTO

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#Motivational  हिम्मत से हथियार बना
कोरे मन मे भाव बना
साथी जो भी थके राह पर
मूछ दिखा के ताव बना....

©Sanu Pandey

हिम्मत से हथियार बना कोरे मन मे भाव बना साथी जो भी थके राह पर मूछ दिखा के ताव बना.... ©Sanu Pandey

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 एक तेरी नहीं से 
कई ख़्वाब टुटे 
कुछ बिखरे
शाखों से 
कुछ अंकुरण
पर फूटें  
क्या सपने सजे थे 
दिवस के सुनहले
क्या वो भी धरा पे
धरे ही रहेंगे
मै दुल्हन बनूंगी
तू बन मेरा राजा
बसंती के फूलों से
मंडप है साजा
मेरी डोली की
कुछ अनगढ़ कहानी 
ना तू मेरा राजा 
ना मै तेरी रानी

©Sanu Pandey

एक तेरी नहीं से कई ख़्वाब टुटे कुछ बिखरे शाखों से कुछ अंकुरण पर फूटें  क्या सपने सजे थे दिवस के सुनहले क्या वो भी धरा पे धरे ही रहेंगे मै दुल्हन बनूंगी तू बन मेरा राजा बसंती के फूलों से मंडप है साजा मेरी डोली की कुछ अनगढ़ कहानी ना तू मेरा राजा ना मै तेरी रानी ©Sanu Pandey

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