"निश्छल किसलय" (KISALAY KRISHNAVANSHI) Lives in Greater Noida, Uttar Pradesh, India

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kavi.nishchhalkisalay

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White कई मर्तबा यादें हकीक़त से , खूबसूरत होती हैं, अक्सर तन्हाई काटने की , अपनी जरूरत होती हैं l ©"निश्छल किसलय" (KISALAY KRISHNAVANSHI)

#love_shayari  White कई मर्तबा यादें  हकीक़त से ,
खूबसूरत होती हैं, 
अक्सर तन्हाई काटने की ,
अपनी जरूरत होती हैं l

©"निश्छल किसलय" (KISALAY KRISHNAVANSHI)

#love_shayari

14 Love

White ख़ुद उजाड़ी बगिया चाहतों की अपनी ख़ुद से शिकायत रही तुमसे गिले नहीं , कलम किया ऐसे दरख़्तों के शीश-ए-दिल बहारों ने दम दिखाया पर गुल खिले नहीं, चाहते तो ख़ुद खोकर उसे पा लिया होता अडिग थी शख्सियत ज़मीर से हिले नहीं, अब तो कटती है जिंदगी दीवार घड़ी जैसी जो समय को पंख देती, ख़ुद के खुले नहीं, लगा दी पाबंदियां तुमनें इजहार करने पर लब अब तक ख़ामोश हैं कभी हिले नहीं , रेल की पटरी सी रही मुसाफ़िरी उल्फत की मंज़िल तो एक थी पर सफ़र में मिले नहीं l ©"निश्छल किसलय" (KISALAY KRISHNAVANSHI)

#Sad_Status  White ख़ुद उजाड़ी बगिया चाहतों की  अपनी 
ख़ुद से शिकायत रही तुमसे गिले नहीं ,

कलम किया ऐसे दरख़्तों के शीश-ए-दिल 
बहारों ने दम दिखाया पर गुल खिले नहीं,

चाहते तो ख़ुद खोकर उसे पा लिया होता 
अडिग थी शख्सियत ज़मीर से हिले  नहीं,
 
अब तो कटती है जिंदगी दीवार घड़ी जैसी 
 जो समय को पंख देती, ख़ुद के खुले नहीं,

लगा दी पाबंदियां तुमनें इजहार करने  पर 
 लब अब तक ख़ामोश हैं कभी हिले नहीं ,

रेल की पटरी सी रही मुसाफ़िरी उल्फत की 
मंज़िल तो  एक थी पर सफ़र में  मिले नहीं l

©"निश्छल किसलय" (KISALAY KRISHNAVANSHI)

#Sad_Status

10 Love

Red sands and spectacular sandstone rock formations गुफ़्तगू होती रही हम दोनों के दरमियाँ, वो अपनी कहता गया और मैं सुनाता रहा, ना रही फ़िक्र उसको ज़माने की कभी मैं तो ज़माने को हरदम आजमाता रहा, दिखती हैं मजबूरियाँ मेरी, उसकी आँखों में फ़िर भी ज़माने की ख़ातिर नक़ाब लगाता रहा, ख़ूब होती है बातें बेज़ार रो लेता हूँ निश्छल उसे अपनी नाकामियों से अवगत कराता रहा , जानता हूँ मुझसे ज़्यादा फ़िक्र उसको है मेरी सामने खड़े होकर मुझे वो ढाढस बंधाता रहा , कोई आ नहीं सकता कभी हम दोनों के दरमियाँ उससे मिलने के लिए सामने आईना लगाता रहा l ©"निश्छल किसलय" (KISALAY KRISHNAVANSHI)

#Sands  Red sands and spectacular sandstone rock formations  गुफ़्तगू होती रही हम  दोनों के दरमियाँ, 
वो अपनी कहता गया  और मैं सुनाता रहा, 

ना रही  फ़िक्र उसको ज़माने की कभी 
मैं तो  ज़माने को हरदम आजमाता रहा, 

दिखती हैं मजबूरियाँ मेरी, उसकी आँखों में
फ़िर भी ज़माने की ख़ातिर नक़ाब लगाता रहा, 

ख़ूब होती है बातें बेज़ार रो लेता हूँ निश्छल
उसे अपनी नाकामियों से अवगत कराता रहा ,

जानता हूँ मुझसे ज़्यादा फ़िक्र उसको है मेरी 
सामने खड़े होकर मुझे  वो ढाढस बंधाता रहा ,

कोई आ नहीं सकता कभी हम दोनों के दरमियाँ 
 उससे मिलने के लिए सामने आईना लगाता रहा l

©"निश्छल किसलय" (KISALAY KRISHNAVANSHI)

#Sands

10 Love

White मेरा लहजा बदल गया है ऐसा लोगों में बात गयी हैं, पहले जैसे अब दिखते नहीं मेरे अब वो ख़यालात नहीं, कैसा था अब क्य़ा हुआ हूं इसके कारण तुम ही हो, बदलाव तुम्हें ही पाना था शिकायत वाले तुम ही हो , कुछ चिढ़ा चिढ़ा सा रहता हूँ ख़ुद भिड़ा भिड़ा अब रहता हूँ , खोकर ख़ुद कुछ नया मिला नहीं मंज़िल से मुड़ा मुड़ा सा रहता हूँ ©"निश्छल किसलय" (KISALAY KRISHNAVANSHI)

#sad_quotes  White मेरा लहजा  बदल गया है
ऐसा लोगों में  बात गयी हैं, 
पहले जैसे अब दिखते नहीं 
मेरे अब वो ख़यालात नहीं, 

कैसा था अब क्य़ा हुआ हूं 
इसके कारण  तुम ही हो, 
बदलाव तुम्हें ही पाना था 
शिकायत वाले  तुम ही हो ,

कुछ चिढ़ा चिढ़ा सा रहता हूँ 
ख़ुद भिड़ा भिड़ा अब रहता हूँ ,
खोकर ख़ुद कुछ नया मिला नहीं 
मंज़िल से मुड़ा मुड़ा सा रहता हूँ

©"निश्छल किसलय" (KISALAY KRISHNAVANSHI)

#sad_quotes

15 Love

New Year 2024-25 बीत गया पर कहानी लिखकर गया - इसमें, महफ़िल में कहकहे और आँखे बेकरार रही हैं, मंज़िल मिली नहीं तो क्या बात हुई निश्छल सफ़र तय करने में कई बातें यादगार रही हैं , जो गुज़र रहा है इतनी ख़ामोशी और सर्द में, इसके कई दिन गर्म और रातें गुलजार रही हैंl @ निश्छल किसलय @bye bye 2024 welcome 2025 Happy new year and Happy new in you ©"निश्छल किसलय" (KISALAY KRISHNAVANSHI)

#Newyear2024 #Quotes  New Year 2024-25  बीत गया पर कहानी लिखकर गया - इसमें, 
महफ़िल में कहकहे और आँखे बेकरार रही हैं, 

मंज़िल मिली नहीं तो  क्या  बात हुई निश्छल 
सफ़र तय करने में कई बातें यादगार  रही हैं ,

जो गुज़र रहा है इतनी ख़ामोशी और  सर्द में, 
इसके कई दिन गर्म और रातें गुलजार रही हैंl

@ निश्छल किसलय 
@bye bye 2024 welcome  2025
Happy new year  and  Happy new in you

©"निश्छल किसलय" (KISALAY KRISHNAVANSHI)

#Newyear2024-25

17 Love

Unsplash दिल में चाहत की आग भड़कने के लिये, इक़रार की एक चिंगारी ज़रूरी होती है ©"निश्छल किसलय" (KISALAY KRISHNAVANSHI)

#camping  Unsplash दिल  में  चाहत की  आग भड़कने के  लिये, 
इक़रार की एक चिंगारी ज़रूरी  होती है

©"निश्छल किसलय" (KISALAY KRISHNAVANSHI)

#camping

15 Love

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