Saumya Manan

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#pandemic #Nature #poem  🌍 🌳
 💗 💗 💗 💗 💗 दिल की तड़प का स्वाद! चलो आज बताएं तुम्हें अपने दिल का हाल,
 अपना दिल देख कर मुझे तुम ले लो मेरे दिल का भार, 
लेकर यह दिल जी सको तो हो तुम्हारा जीवन खुशहाल !
और मचल कर मरने का मन करे 
तो जान लेना हमारे दिल की तड़प का स्वाद।
-सौम्या  💗

💗 💗 💗 💗 💗 दिल की तड़प का स्वाद! चलो आज बताएं तुम्हें अपने दिल का हाल, अपना दिल देख कर मुझे तुम ले लो मेरे दिल का भार, लेकर यह दिल जी सको तो हो तुम्हारा जीवन खुशहाल ! और मचल कर मरने का मन करे तो जान लेना हमारे दिल की तड़प का स्वाद। -सौम्या 💗

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 मंज़िले अंजान हैं,

मगर रास्ते कर रहे वफा हैं ।

खोए हुए थे अब तक,

देखो आ चले कहाँ हैं ।

तारे चल रहे साथ मगर,

चाँद बने हमसफर हैं ।

रात का यह सफर,

आखिर क्या बयाँ कर रहा है?

लहरें उस उफान पर,

मचलती हुई बेबाक हैं ।

हवाएँ हैं मंद मंद,

शीतल सा समां है ।

मुसाफ़िर ना हो बेशक,

हम तन्हा कहाँ हैं !

पंछी सारे चुप हैं,

सन्नाटे ने कुछ तो कहा है !

जीवन की कश्ती को, देना अब अंजाम है,

यह तो केवल सफर के साथी थे, ए दोस्त!

ज़िंदगी के बाद अब देना मौत का इम्तिहान है ।

 मंज़िले अंजान हैं,

मगर रास्ते कर रहे वफा हैं ।

खोए हुए थे अब तक,

देखो आ चले कहाँ हैं ।

तारे चल रहे साथ मगर,

चाँद बने हमसफर हैं ।

रात का यह सफर,

आखिर क्या बयाँ कर रहा है?

लहरें उस उफान पर,

मचलती हुई बेबाक हैं ।

हवाएँ हैं मंद मंद,

शीतल सा समां है ।

मुसाफ़िर ना हो बेशक,

हम तन्हा कहाँ हैं !

पंछी सारे चुप हैं,

सन्नाटे ने कुछ तो कहा है !

जीवन की कश्ती को, देना अब अंजाम है,

यह तो केवल सफर के साथी थे, ए दोस्त!

ज़िंदगी के बाद अब देना मौत का इम्तिहान है ।

 h सफ़र, अंजाम तक !

जीवन की कश्ती को, देना अब अंजाम है,

यह तो केवल सफर के साथी थे, ए दोस्त!

ज़िंदगी के बाद अब देना मौत का इम्तिहान है ।

 

जीवन की कश्ती को, देना अब अंजाम है,

यह तो केवल सफर के साथी थे, ए दोस्त!

ज़िंदगी के बाद अब देना मौत का इम्तिहान है ।
- सौम्या

मंज़िले अंजान हैं, मगर रास्ते कर रहे वफा हैं । खोए हुए थे अब तक, देखो आ चले कहाँ हैं । तारे चल रहे साथ मगर, चाँद बने हमसफर हैं । रात का यह सफर, आखिर क्या बयाँ कर रहा है? लहरें उस उफान पर, मचलती हुई बेबाक हैं । हवाएँ हैं मंद मंद, शीतल सा समां है । मुसाफ़िर ना हो बेशक, हम तन्हा कहाँ हैं ! पंछी सारे चुप हैं, सन्नाटे ने कुछ तो कहा है ! जीवन की कश्ती को, देना अब अंजाम है, यह तो केवल सफर के साथी थे, ए दोस्त! ज़िंदगी के बाद अब देना मौत का इम्तिहान है । मंज़िले अंजान हैं, मगर रास्ते कर रहे वफा हैं । खोए हुए थे अब तक, देखो आ चले कहाँ हैं । तारे चल रहे साथ मगर, चाँद बने हमसफर हैं । रात का यह सफर, आखिर क्या बयाँ कर रहा है? लहरें उस उफान पर, मचलती हुई बेबाक हैं । हवाएँ हैं मंद मंद, शीतल सा समां है । मुसाफ़िर ना हो बेशक, हम तन्हा कहाँ हैं ! पंछी सारे चुप हैं, सन्नाटे ने कुछ तो कहा है ! जीवन की कश्ती को, देना अब अंजाम है, यह तो केवल सफर के साथी थे, ए दोस्त! ज़िंदगी के बाद अब देना मौत का इम्तिहान है । h सफ़र, अंजाम तक ! जीवन की कश्ती को, देना अब अंजाम है, यह तो केवल सफर के साथी थे, ए दोस्त! ज़िंदगी के बाद अब देना मौत का इम्तिहान है । जीवन की कश्ती को, देना अब अंजाम है, यह तो केवल सफर के साथी थे, ए दोस्त! ज़िंदगी के बाद अब देना मौत का इम्तिहान है । - सौम्या

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 💓 अगर मोहब्बत करनी है, 
तो दिल से करो... 

 दिल तो एक ही है, उस में जज़्बात बेशुमार हैं
चेहरे की क्या बात करें, 
दिखता एक पर नकाब बेहिसाब हैं।

💓 अगर मोहब्बत करनी है, तो दिल से करो... दिल तो एक ही है, उस में जज़्बात बेशुमार हैं चेहरे की क्या बात करें, दिखता एक पर नकाब बेहिसाब हैं।

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