White शाम के चार बज गए , आधा दिन ख़्तम हो गया।
देखो बाहर की ओर एक अलग ही नज़ारा है,
हल्की धूप भी है मगर शाम होने का इशारा है,
किसी के चाय का वक़्त है,
तो कोई काम में व्यस्त है,
किसी के दोपहर की नींद खुली है, तो बच्चों को बाहर खेलने जाने की खुशी है,
कहीं पंछियों की चड़चड़ाहट है,
और सूरज डूबने की हल्की सी आहट है,
किसी को इंतज़ार है घर जाने का,
दिनभर की मेहनत के बाद आराम फरमाने का,
देखो आसमान का रंग बदलने लगा है, दिन ढलने लगा है,
धूप अब फ़ीकी पड़ने लगी है, थोड़ी हवा चलने लगी है,
पेड़ पौधों को भी छाउँ मिलने लगी है,
कुछ अलग ही हो गया मौसम का नज़ारा है,
चार बज गए अब शाम होने का इशारा है।
©Rakhie.. "दिल की आवाज़"
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