Timsi thakur

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New Year 2025 राहु केतू सब मेरी ही कुंडली में आ बैठे हैंl ©Timsi thakur

#Newyear2025 #Quotes  New Year 2025 राहु केतू सब मेरी ही कुंडली में आ बैठे हैंl

©Timsi thakur

#Newyear2025

12 Love

त्रासदी हैं ... ये भी बहुत बड़ी एक ... औलाद को अपने ही जन्म दाता से घृणा हो जाना...... ©Timsi thakur

#Quotes  त्रासदी हैं ...
ये भी बहुत बड़ी एक ...
औलाद को अपने ही जन्म दाता से 
घृणा हो जाना......

©Timsi thakur

त्रासदी हैं ... ये भी बहुत बड़ी एक ... औलाद को अपने ही जन्म दाता से घृणा हो जाना...... ©Timsi thakur

15 Love

परीक्षा परिश्रम परिणाम..... यही सोचते हो ना ? तुम विद्यार्थी जीवन....... ©Timsi thakur

#SAD  परीक्षा परिश्रम परिणाम..... 
यही सोचते हो ना ?
तुम विद्यार्थी जीवन.......

©Timsi thakur

परीक्षा परिश्रम परिणाम..... यही सोचते हो ना ? तुम विद्यार्थी जीवन....... ©Timsi thakur

18 Love

New Year 2024-25 उसे नादानियां करने दीजिए उसे खेलने दे...घर में भाग दौड़ उसकी आवाज गूंजने दे... घर में बच्चा हैं इस बात का अहसास होने दीजिए ... उसे शैतानियों का पिटारा खोल खिल खिलाने दे ... ये हर बात में चीख कर डांट कर उसकी नादानियां उसकी शैतानियों पर रोक लगाना अच्छा नहीं.... आठ साल की बच्ची को हार्ट अटैक का केस तो आपने सुना ही होगा... बड़ी बात नहीं है इसमें कोई जब नन्हे इन फूल से बच्चों को जिम्मेदारों और वक्त से पहले अनुशासन और जरूरत से ज्यादा सही गलत का पाठ पढ़ा दिया जाए..... नन्हे से उस दिल पर अब इतना बोझ डाला जाए वो सह कैसे पाएगा.... आखिर टूट कर बिखर ही जाएगा ना .... बोझ उनके कंधों पर उतना दे जितना वो सह पाए..... भागती दौड़ती सी इस जिंदगी में रुक कर अपने नन्हे से बच्चों को प्यार से सहलाए कभी खुद भी संग उनके बच्चे बन जाए... यूं चीख कर चिल्ला कर उस नन्हे दिल को आघात ना लगाए....... और हो सके तो उनको सुधारने से पहले थोड़ा खुद सुधर जाए... और हां ये गलत फहमी की आपकी पेरेंटिंग औरों से बेहतर हैं तो थोड़ा अपना इलाज कराए..... आप मानसिक रोगी हो सकते है क्योंकि दुनिया में परफेक्ट जैसी कोई चीज नहीं होती आप भी नहीं ....तो किसी पर तंज कसने से पहले दो बार सोचे..... ओस की कलम ✍️ ©Timsi thakur

#Newyear2024 #Quotes  New Year 2024-25 
उसे नादानियां करने दीजिए उसे खेलने दे...घर में भाग दौड़ उसकी आवाज गूंजने दे... घर में बच्चा हैं इस बात का अहसास होने दीजिए ... उसे शैतानियों का पिटारा खोल खिल खिलाने दे ... ये हर बात में चीख कर डांट कर उसकी नादानियां उसकी शैतानियों पर रोक लगाना अच्छा नहीं.... 
आठ साल की बच्ची को हार्ट अटैक का केस तो आपने सुना ही होगा... बड़ी बात नहीं है इसमें कोई जब नन्हे इन फूल से बच्चों को जिम्मेदारों और वक्त से पहले अनुशासन और जरूरत से ज्यादा सही गलत का पाठ पढ़ा दिया जाए..... नन्हे से उस दिल पर अब इतना बोझ डाला जाए वो सह कैसे पाएगा....
 आखिर टूट कर बिखर ही जाएगा ना 
.... बोझ उनके कंधों पर उतना दे जितना वो सह पाए..... भागती दौड़ती सी इस जिंदगी में रुक कर अपने नन्हे से बच्चों को प्यार से सहलाए कभी खुद भी संग उनके बच्चे बन जाए... यूं चीख कर चिल्ला कर उस नन्हे दिल को आघात ना लगाए....... और हो सके तो उनको सुधारने से पहले थोड़ा खुद सुधर जाए... और हां ये गलत फहमी की आपकी पेरेंटिंग औरों से बेहतर हैं तो थोड़ा अपना इलाज कराए..... आप मानसिक रोगी हो सकते है क्योंकि दुनिया में परफेक्ट जैसी कोई चीज नहीं होती आप भी नहीं ....तो किसी पर तंज कसने से पहले दो बार सोचे.....

                                      ओस की कलम ✍️

©Timsi thakur

#Newyear2024-25

14 Love

New Year 2024-25 परवरिश.... क्या आप भी उन लोगों में से है जो किसी दूसरे की परवरिश पर सवाल उठाते है बिना अपने खुद के गिरेबान में झांके... देखा जाए तो आज कल दो तरह के लोग पाए जाते है एक वो जो अपने बच्चों को जरूरत से ज्यादा आजादी दे देते है लाड़ प्यार में उन्हें इतना सर चढ़ा लेते है कि वो बच्चे कब हाथ से चले जाते हैं पता ही नहीं चलता ... तो दूसरे वो है जो अपने बच्चों पर अनुशासन का ऐसा पहरा लगा कर रखते है कि बच्चा सांस लेने से पहले भी आज्ञा मांगने लगेगा.... अरे नहीं ये तीसरे प्रकार के लोग तो रह ही गए जो केवल दूसरे पर तंज कसना जानते हो बढ़ी आसानी से कह दिया करते है फला इंसान की परवरिश ही अच्छी नहीं हैं ..... आपको नहीं लगता ये कहना किसी पर प्रहार करना जैसा है शब्दों के घाव आत्मा तक चीरने का काम कर जाते है .... आज के वक्त में दूध का धुला तो कोई नहीं होता पर हां सब लगे हैं एक दूसरे पर कीचड़ उछालने में.... ये छोड़िए ये बात तो औरो की हुई आप खुद तो कहीं अपने बच्चे को वो बनाने पर नहीं तुले है जो आप खुद कभी नहीं बन सके ... यहां बात अच्छी आदतों की नहीं हो रही हैं बात है आप खुद कुछ भी हों लेकिन आपका बच्चा आपको हीरा बनाना हैं. ... आप कीचड़ में कमल खिलाने का प्रयास कर रहे हैं.... एक छोटा बच्चा तो केवल अनुकरण करना जानता है आप जैसा उसके साथ पेश आयेंगे वो सब सीख लेगा... आपने देखा होगा नन्हे से बच्चे को जो सिखाओ वो सब दोहराता है .... अब क्या होता हैं कि नन्हे से बच्चे की बोली इतनी भाती हैं कि कई बार घर के कुछ लोग या पड़ोस कोई भी हो सकता हैं मजे मजे में गाली देना सीखा देते हैं या बच्चा ऐसी चीजों को खुद बहुत जल्दी पकड़ लेता है अब उसने तो अनजाने में पकड़ी वो बात अब घर के सदस्यों के लिए वही खेल बन जाता है वो बार बार उसी बात को बच्चे से दोहराने के लिए कहते... तोतली बोली में जो गाली भी अच्छी लगती है अब सोचो बच्चा बड़ा होगा उसकी जुबा कभी तो साफ होगी और उसी साफ आवाज में वो भी गाली आप पर भी दोहराएगा उसके लिए गाली कोई बड़ी बात नहीं ये तो उसके ही घर के लोग आपस में यूं ही चलते फिरते हंसी मजाक में एक दूसरे को दे देते कोई बड़ी बात थोड़ी ही है बड़ी बात तब लगती है जब वहीं बच्चा अपने स्कूल या आस पास हर जगह आय ही की तरह सामान्य बोल चाल की तरह इन शब्दों का इस्तेमाल करता है और अब उसकी बोली तोतली नहीं रही की सुन कर मजा आएगा .. अब तो सुनने वाला तिलमिला उठता है कि ये बच्चा कहां सीख कर आया है. ..... खुद में चाहे बोलने की तमीज ना हो पर अपने बच्चों को तमीज और अनुशासन का ऐसा पाठ पढ़ाते है कि बच्चे की आवाज ऊंची ना हो ..... आप चाहते हैं कि आपका बच्चा आदर्श बने तो पहले उसे सुधारने से पहले क्यों ना आप एक नज़र अपने किरदार की ओर घुमाए... देखे की आप खुद कितने झंडे गाड़ कर आये है और अगर नहीं तो पहले खुद को सुधार लीजिए अपनी गलत आदतों को सुधार लीजिए... हर बच्चे की क्षमताएं अलग है माहोल अलग है आप अपनी बेबुनियादी उम्मीदों का बोझ उनके नन्हे कंधों पर कैसे डाल देते हैं ये भूल कर कि आप खुद कभी बच्चे थे याद कीजिए क्या आप खुद भी इतने सक्षम थे जो अपने बच्चे को बनाना चाहते है.…. आपका बच्चा बड़ा होकर नाम कमाए ये उम्मीद रखना कोई गलत बात नहीं पर उसे वो माहौल देना वो सब सिखाना तो आप ही का काम हैं ... बाकि बेबुनियादी उम्मीदों का आधार क्या है..... अनुशासन के नाम पर उन्हें इतना मजबूर ना बनाए कि वो अपनी तकलीफ कहने तक को कतराने लगे.... ट्यूशन पढ़ाई एक्स्ट्रा एक्टिविटी बस आपका बच्चा सबसे आगे होना चाहिए इस होड़ में उससे उसका बचपना ना छीन लीजिएगा l ©Timsi thakur

#Newyear2024  New Year 2024-25 परवरिश....
क्या आप भी उन लोगों में से है जो किसी दूसरे की परवरिश पर सवाल उठाते है बिना अपने खुद के गिरेबान में झांके...
देखा जाए तो आज कल दो तरह के लोग पाए जाते है एक वो जो अपने बच्चों को जरूरत से ज्यादा आजादी दे देते है लाड़ प्यार में उन्हें इतना सर चढ़ा लेते है कि वो बच्चे कब हाथ से चले जाते हैं पता ही नहीं चलता ... तो दूसरे वो है जो अपने बच्चों पर अनुशासन का ऐसा पहरा लगा कर रखते है कि बच्चा सांस लेने से पहले भी आज्ञा मांगने लगेगा.... अरे नहीं ये तीसरे प्रकार के लोग तो रह ही गए जो केवल दूसरे पर तंज कसना जानते हो बढ़ी आसानी से कह दिया करते है फला इंसान की परवरिश ही अच्छी नहीं हैं ..... आपको नहीं लगता ये कहना किसी पर प्रहार करना जैसा है शब्दों के घाव आत्मा तक चीरने का काम कर जाते है .... आज के वक्त में दूध का धुला तो कोई नहीं होता पर हां सब लगे हैं एक दूसरे पर कीचड़ उछालने में.... ये छोड़िए ये बात तो औरो की हुई आप खुद तो कहीं अपने बच्चे को वो बनाने पर नहीं तुले है जो आप खुद कभी नहीं बन सके ... यहां बात अच्छी आदतों की नहीं हो रही हैं बात है आप खुद कुछ भी हों लेकिन आपका बच्चा आपको हीरा बनाना हैं. ... आप कीचड़ में कमल खिलाने का प्रयास कर रहे हैं.... एक छोटा बच्चा तो केवल अनुकरण करना जानता है आप जैसा उसके साथ पेश आयेंगे वो सब सीख लेगा... आपने देखा होगा नन्हे से बच्चे को जो सिखाओ वो सब दोहराता है .... अब क्या होता हैं कि नन्हे से बच्चे की बोली इतनी भाती हैं कि कई बार घर के कुछ लोग या पड़ोस कोई भी हो सकता हैं मजे मजे में गाली देना सीखा देते हैं या बच्चा ऐसी चीजों को खुद बहुत जल्दी पकड़ लेता है अब उसने तो अनजाने में पकड़ी वो बात अब घर के सदस्यों के लिए वही खेल बन जाता है वो बार बार उसी बात को बच्चे से दोहराने के लिए कहते... तोतली बोली में जो गाली भी अच्छी लगती है अब सोचो बच्चा बड़ा होगा उसकी जुबा कभी तो साफ होगी और उसी साफ आवाज में वो भी गाली आप पर भी दोहराएगा उसके लिए गाली कोई बड़ी बात नहीं ये तो उसके ही घर के लोग आपस में यूं ही चलते फिरते हंसी मजाक में एक दूसरे को दे देते कोई बड़ी बात थोड़ी ही है बड़ी बात तब लगती है जब वहीं बच्चा अपने स्कूल या आस पास हर जगह आय ही की तरह सामान्य बोल चाल की तरह इन शब्दों का इस्तेमाल करता है और अब उसकी बोली तोतली नहीं रही की सुन कर मजा आएगा .. अब तो सुनने वाला तिलमिला उठता है कि ये बच्चा कहां सीख कर आया है. ..... खुद में चाहे बोलने की तमीज ना हो पर अपने बच्चों को तमीज और अनुशासन का ऐसा पाठ पढ़ाते है कि बच्चे की आवाज ऊंची ना हो ..... आप चाहते हैं कि आपका बच्चा आदर्श बने तो पहले उसे सुधारने से पहले क्यों ना आप एक नज़र अपने किरदार की ओर घुमाए... देखे की आप खुद कितने झंडे गाड़ कर आये है और अगर नहीं तो पहले खुद को सुधार लीजिए अपनी गलत आदतों को सुधार लीजिए... हर बच्चे की क्षमताएं अलग है माहोल अलग है आप अपनी बेबुनियादी उम्मीदों का बोझ उनके नन्हे कंधों पर कैसे डाल देते हैं ये भूल कर कि आप खुद कभी बच्चे थे याद कीजिए क्या आप खुद भी इतने सक्षम थे जो अपने बच्चे को बनाना चाहते है.…. आपका बच्चा बड़ा होकर नाम कमाए ये उम्मीद रखना कोई गलत बात नहीं पर उसे वो माहौल देना वो सब सिखाना तो आप ही का काम हैं ... बाकि बेबुनियादी उम्मीदों का आधार क्या है..... अनुशासन के नाम पर उन्हें इतना मजबूर ना बनाए कि वो अपनी तकलीफ कहने तक को कतराने लगे.... ट्यूशन पढ़ाई एक्स्ट्रा एक्टिविटी बस आपका बच्चा सबसे आगे होना चाहिए इस होड़ में उससे उसका बचपना ना छीन लीजिएगा l

©Timsi thakur

#Newyear2024-25

15 Love

Unsplash फिर क्यों?????????? हर सपना धूमिल सा होने लगा था मानो मुझसे मेरा ही अस्तित्व अब खोने सा लगा था उधेड़बुन ज़िंदगी की नहीं...नहीं .. मुझसे सहन हो रहा था ना जाने मुझसे ऐसा भी क्या गुनाह हो गया था ............ हर क्यों का जवाब ढूंढने निकलीं हूं अब नए सिरे से खुद को लिखने लगी हूं अब डर तो है अब भी कहीं डगमगा ना जाए कदम फिर मेरे पर अपने ही डर से लड़ने चली हूं मैं l ओस की कलम✍️ ©Timsi thakur

#traveling  Unsplash  फिर क्यों??????????
हर सपना धूमिल सा होने लगा था 
मानो मुझसे मेरा ही अस्तित्व अब खोने सा लगा था 
उधेड़बुन ज़िंदगी की नहीं...नहीं .. मुझसे सहन हो रहा था 
ना जाने मुझसे ऐसा भी क्या गुनाह हो गया था 
............
हर क्यों का जवाब ढूंढने निकलीं हूं अब 
नए सिरे से खुद को लिखने लगी हूं अब 
डर तो है अब भी कहीं डगमगा ना जाए कदम फिर मेरे 
पर अपने ही डर से लड़ने  चली हूं मैं l
                                                 

ओस की कलम✍️

©Timsi thakur

#traveling

11 Love

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