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MOEEN Lives in New Delhi, Delhi, India

चाहने को सारा जमाना है मोईन, मग़र यहाँ तुमसा सनम कुछ भी नईं।

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कोई पूछेगा जिस दिन वाक़ई ये ज़िन्दगी क्या है, ज़मीं से एक मुट्ठी ख़ाक लेकर हम उड़ा देंगे। (अनवर जलालपुरी) ©MOEEN

#PhisaltaSamay  कोई पूछेगा जिस दिन वाक़ई ये ज़िन्दगी क्या है, 
ज़मीं से एक मुट्ठी ख़ाक लेकर हम उड़ा देंगे।





(अनवर जलालपुरी)

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17 Love

उसकी यादें जलानी हैं हमने यारों वर्ना, हम भी नहीं थे सिगरट मुंह से लगाने वाले। ©MOEEN

#शायरी #urdushayari #cigarette #Memories #yaadein  उसकी यादें जलानी हैं हमने यारों वर्ना,
हम भी नहीं थे सिगरट मुंह से लगाने वाले।

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 हमीं हैं पाँव की जंजीर अपने,
हमीं हैं रोकते रस्ता हमारा।

हमीं हैं पाँव की जंजीर अपने, हमीं हैं रोकते रस्ता हमारा।

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कोई क्या जाने क्या रस्ता हमारा, सो क्यों रोके कोई रस्ता हमारा। हमीं हैं पाँव की जंज़ीर अपने, हमीं हैं रोकते रस्ता हमारा। आईना देखते थे रोज़ हम भी, तका करते थे वो चेहरा हमारा। अंधेरी रातों से वीराँ है अब हम, कभी होता था इक चन्दा हमारा। तिरी यादो की गर्मी से जाना , जला करता है अब सीना हमारा। ©MOEEN

#कविता #nojotoshayari #nojotoLove  कोई क्या जाने क्या रस्ता हमारा,
सो क्यों रोके कोई रस्ता हमारा।
हमीं हैं पाँव की जंज़ीर अपने,
हमीं हैं रोकते रस्ता हमारा।
आईना  देखते थे रोज़ हम भी,
तका करते थे वो चेहरा हमारा।
अंधेरी रातों से वीराँ है अब हम,
कभी होता था इक चन्दा हमारा।
तिरी यादो की गर्मी से जाना ,
जला करता है अब सीना हमारा।

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जाना तेरी याद का कोई गुल शादाब हो, रात जो देखा था वो खाब भी गर्क़ाब हो। वो तू ही था जिससे थी रंजिशें और रग़बतें, अब मनाएं किसको हम कौन ही काहाब हो। कोई रोए आंखें नम हों ज़रूरी तो नहीं।, यह भी हो सकता है दिल अश्क़ों से सैराब हो। दोस्ती में कोई भी बाला तर होता नहीं, सो मेरा अब से न कोई लक़ब अलक़ाब हो। मुझको महरो माह की अब ज़रूरत ना रही, राह मुझको फिर दिखाने वही शबताब हो। कामयाबी ही अगर दर्ज हर एक बाब हो, तो ज़रूरी है नाकामी भी दर यक बाब हो। ©MOEEN

#nojotoshayari #hindikavita #urdushayari #paper  जाना तेरी याद का कोई गुल शादाब हो,
रात जो देखा था वो खाब भी गर्क़ाब हो।

वो तू ही था जिससे थी रंजिशें और रग़बतें,
अब मनाएं किसको हम कौन ही काहाब हो।

कोई रोए आंखें नम हों ज़रूरी तो नहीं।,
यह भी हो सकता है दिल अश्क़ों से सैराब हो।

दोस्ती में कोई भी बाला तर होता नहीं,
सो मेरा अब से न कोई लक़ब अलक़ाब हो।

मुझको महरो माह की अब ज़रूरत ना रही,
राह मुझको फिर दिखाने वही शबताब हो।

कामयाबी ही अगर दर्ज हर एक बाब हो,
तो ज़रूरी है नाकामी भी दर यक बाब हो।

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इस उदासी में क्या किया जाए, क्या उसे याद कर लिया जाए। ज़ख्म अपना कोई दे दे तो, ज़ख्म इक खुद भी कर लिया जाए1 ©MOEEN

#nojotoenglish #nojotoshayari #nojotohindi #nojotourdu #SunSet  इस उदासी में क्या किया जाए,
क्या उसे याद कर लिया जाए।
ज़ख्म अपना कोई दे दे तो,
ज़ख्म इक खुद भी कर लिया जाए1

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