rashi khushi om Vishwkarma

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कुछ लम्हे दराज में रखे है संभाल कर जब याद आओगे देख लूंगा निकाल कर Dr Pramod Dhiman om 11 production ©rashi khushi om Vishwkarma

#Drpramoddhiman  कुछ लम्हे  दराज में  रखे है  
संभाल कर
जब याद आओगे देख लूंगा 
निकाल कर
Dr Pramod Dhiman






om 11 production

©rashi khushi om Vishwkarma

White थक गया हूं सफ़र में अब आराम चाहता हूं ढलती हुई रुकी सी मै कोई शाम चाहता हूं वो जो खामोश से खो गए है बहुत दूर कहीं उन चुनिंदा लोगों में अपना नाम चाहता हूं Dr Pramod Dhiman Om 11 production ©rashi khushi om Vishwkarma

#Drpramoddhiman  White थक गया हूं सफ़र में अब आराम चाहता हूं 
ढलती हुई रुकी सी  मै कोई शाम चाहता हूं
वो जो खामोश से खो गए है बहुत दूर कहीं 
उन चुनिंदा लोगों में  अपना नाम  चाहता हूं
Dr Pramod Dhiman









Om 11 production

©rashi khushi om Vishwkarma

वो जो मेरे अपने जैसे मेरी नजरों को दिखते थे वो इंसा की नहीं गुलामों की ख्वाहिश रखते थे जिन्हें अनमोल हीरे की तरह रखा संभाले मैने पता चला बाजार में दो दो आने में वो बिकते थे Dr Pramod Dhiman Om 11 production ©rashi khushi om Vishwkarma

#Drpramoddhiman  वो जो मेरे अपने जैसे  मेरी नजरों को दिखते थे 
वो इंसा की नहीं  गुलामों की ख्वाहिश रखते थे
जिन्हें अनमोल  हीरे की तरह रखा  संभाले मैने
पता चला बाजार में दो दो आने में वो बिकते थे
Dr Pramod Dhiman   











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कहीं उलझन कहीं जलन क्यों है कुछ चेहरों पर यारों तपन क्यों है क्या हुआ कुछ हुआ है क्या यहां हर एक के दिल में चुभन क्यों है Dr Pramod Dhiman Om 11 production ©rashi khushi om Vishwkarma

#Drpramoddhiman  कहीं उलझन कहीं जलन क्यों है
कुछ चेहरों पर यारों तपन क्यों है
क्या हुआ कुछ हुआ है क्या यहां
हर एक के दिल में चुभन क्यों है
Dr Pramod Dhiman







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वो कोई गैर ना था मेरे हालात पे हंसने वाला दिल के करीब था मेरी कलाई पे डसने वाला मेरा दोस्त मेरे दुश्मन को अपना कहने लगा फिर कोई खंजर है मेरी पीठ पे लगने वाला Dr Pramod Dhiman om 11 production ©rashi khushi om Vishwkarma

#Drpramoddhiman  वो कोई गैर ना था मेरे हालात पे हंसने वाला
दिल के करीब था मेरी कलाई पे डसने वाला
मेरा दोस्त  मेरे दुश्मन को अपना कहने लगा
फिर कोई खंजर है  मेरी पीठ पे  लगने वाला
Dr Pramod Dhiman











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New Year 2024-25 मै जिंदगी के उस दौर से गुजरा हूं जहां से कोई लौट कर नहीं आता दर्द इतने दिए है जमाने ने मुझे बाद जिनके कोई नहीं मुस्कुराता अब जी रहा हूं मैं अपनो के लिए हर दर्द भुला कर अश्कों को पिए इन अश्कों का अपना ही मजा है ये ही तो जिंदगी का फलसफा है हर शख़्स यहां खुद से खफा है खफा है तभी तो सब से जुदा है जो मुझ से जुदा है जुदा ही रहे बन गया है वो खुदा, खुदा ही रहे ये खुद के खुदा मुझे नहीं चाहिए इंसा हो कोई तो हम से मिलाइए Dr Pramod Dhiman om 11 production ©rashi khushi om Vishwkarma

#Drpramoddhiman  New Year 2024-25 मै जिंदगी के उस दौर से गुजरा हूं 
जहां से कोई लौट कर नहीं आता
दर्द इतने  दिए  है  जमाने ने  मुझे
बाद जिनके  कोई नहीं मुस्कुराता
अब जी रहा हूं मैं  अपनो के लिए
हर दर्द भुला कर  अश्कों को पिए 
इन अश्कों का  अपना ही मजा है
ये ही तो जिंदगी का  फलसफा है
हर  शख़्स  यहां  खुद से  खफा है
खफा है  तभी  तो  सब से जुदा है
जो मुझ  से  जुदा  है  जुदा  ही रहे
बन गया है  वो खुदा,  खुदा ही रहे
ये खुद के  खुदा  मुझे नहीं चाहिए
इंसा  हो कोई तो  हम से मिलाइए
Dr Pramod Dhiman






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