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कुछ लम्हे दराज में रखे है संभाल कर जब याद आओगे देख लूंगा निकाल कर Dr Pramod Dhiman om 11 production ©rashi khushi om Vishwkarma
rashi khushi om Vishwkarma
13 Love
White थक गया हूं सफ़र में अब आराम चाहता हूं ढलती हुई रुकी सी मै कोई शाम चाहता हूं वो जो खामोश से खो गए है बहुत दूर कहीं उन चुनिंदा लोगों में अपना नाम चाहता हूं Dr Pramod Dhiman Om 11 production ©rashi khushi om Vishwkarma
11 Love
वो जो मेरे अपने जैसे मेरी नजरों को दिखते थे वो इंसा की नहीं गुलामों की ख्वाहिश रखते थे जिन्हें अनमोल हीरे की तरह रखा संभाले मैने पता चला बाजार में दो दो आने में वो बिकते थे Dr Pramod Dhiman Om 11 production ©rashi khushi om Vishwkarma
16 Love
कहीं उलझन कहीं जलन क्यों है कुछ चेहरों पर यारों तपन क्यों है क्या हुआ कुछ हुआ है क्या यहां हर एक के दिल में चुभन क्यों है Dr Pramod Dhiman Om 11 production ©rashi khushi om Vishwkarma
10 Love
वो कोई गैर ना था मेरे हालात पे हंसने वाला दिल के करीब था मेरी कलाई पे डसने वाला मेरा दोस्त मेरे दुश्मन को अपना कहने लगा फिर कोई खंजर है मेरी पीठ पे लगने वाला Dr Pramod Dhiman om 11 production ©rashi khushi om Vishwkarma
12 Love
New Year 2024-25 मै जिंदगी के उस दौर से गुजरा हूं जहां से कोई लौट कर नहीं आता दर्द इतने दिए है जमाने ने मुझे बाद जिनके कोई नहीं मुस्कुराता अब जी रहा हूं मैं अपनो के लिए हर दर्द भुला कर अश्कों को पिए इन अश्कों का अपना ही मजा है ये ही तो जिंदगी का फलसफा है हर शख़्स यहां खुद से खफा है खफा है तभी तो सब से जुदा है जो मुझ से जुदा है जुदा ही रहे बन गया है वो खुदा, खुदा ही रहे ये खुद के खुदा मुझे नहीं चाहिए इंसा हो कोई तो हम से मिलाइए Dr Pramod Dhiman om 11 production ©rashi khushi om Vishwkarma
14 Love
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