जानते हो हम दोनों को कोई मेल नहीं
दुनिया के नजरो में हम दोनों का प्यार कभी कबूल नहीं
पहली बार इक्श पहली बूद जैसा और मै उड़ता धूल जैसा
वो अगर चांद का टुकड़ा तो मै उसपे दाग सा
वो बड़े समुन्द्र चंचल लेहरे
और मै शांत किनारा
जीने वो छुह के तो गुजरते है
पर कभी ठहर नहीं सकते है
लोग कहते है कभी सचा प्यार मिलता नहीं है
वो एक ख्वाब है जो हकित में होता नहीं
जैसे चांद ज़मीन पे आता नहीं
जैसे खुदा जो कभी एक का होता नहीं
बस यही बात सोच कर अक्सर मै खुद से लड़ता हूं
क्या हुआ अगर हम ना मिले खुद से शवाल करता
और जवाब में मै खुद अकेले पाता हूं
Swastik singh Rajput
जानते हो हम दोनों को कोई मेल नहीं
दुनिया के नजरो में हम दोनों का प्यार कभी कबूल नहीं
पहली बार इक्श पहली बूद जैसा और मै उड़ता धूल जैसा
वो अगर चांद का टुकड़ा तो मै उसपे दाग सा
वो बड़े समुन्द्र चंचल लेहरे
और मै शांत किनारा
जीने वो छुह के तो गुजरते है
पर कभी ठहर नहीं सकते है
लोग कहते है कभी सचा प्यार मिलता नहीं है
वो एक ख्वाब है जो हकित में होता नहीं
जैसे चांद ज़मीन पे आता नहीं
जैसे खुदा जो कभी एक का होता नहीं
बस यही बात सोच कर अक्सर मै खुद से लड़ता हूं
क्या हुआ अगर हम ना मिले खुद से शवाल करता
और जवाब में मै खुद अकेले पाता हूं
Swastik singh Rajput
9 Love
En bekup badlo see kaho niche ake mere Ashu li jae shehr bhigane ki liye brshat km pdegi
#सीढ़ियां उन्हें मुबारक हो
#जिन्हे सिर्फ छत तक जाना है )
#मेरी मंजिल तो आसमान है,
#रास्ता मुझे खुद बनाना है?
10 Love
कुदरत ने भी क्या करिश्मा दिखलाया है, मांस खाने वालों ने आज मास्क लगाया है। निर्दोष पशुओं को मारकर खाने वालों, उनकी तड़पती आत्मा ने ही corona फैलाया है ।
Swastik singh Rajput
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