तेरे जाने का सदमा तो नहीं है मगर बरसों से यह दिल धड़का भी नहीं है। यही सीखा है मैंने जिंदगी से बिछड़ कर कोई मिलता भी नहीं है, वह मेरे आंसुओं पर हंस रहा है यह मोहब्बत में होता तो नहीं है, मुसाफिर हूं गुजर जाऊंगा एक दिन मुझे इस दुनिया में रहना नहीं है, उस एक शख्स की झलक दिखा ऐ मालिक मुझे और कोई जचता नहीं है।।
©Sanjeeta Yadav
Continue with Social Accounts
Facebook Googleor already have account Login Here