Subhash Singh

Subhash Singh Lives in Katni, Madhya Pradesh, India

शिक्षक, लेखक, कवि

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a-person-standing-on-a-beach-at-sunset दिन ढलता है तो ढलने दो। रवि जलता है तो जलने दो। मेरे जीवन में उथल-पुथल, हाँ!नियति नटी को छलने दो। ©Subhash Singh

#कविता #SunSet  a-person-standing-on-a-beach-at-sunset दिन ढलता है तो ढलने दो।
रवि जलता है तो जलने दो।
मेरे जीवन में उथल-पुथल,
हाँ!नियति नटी को छलने दो।

©Subhash Singh

#SunSet

14 Love

New Year 2024-25 नये वर्ष का स्वागत करने,हो जाओ तैयार। विगत वर्ष की करुण कहानी, भूलो मेरे यार। हंँसी खुशी से विदा करें हम,जाओ सन् चौबीस। पच्चीस लाएगा हम सबको, सुख समृद्धि अपार। ©Subhash Singh

#कविता #Newyear2024  New Year 2024-25 
नये वर्ष का स्वागत करने,हो जाओ तैयार।
विगत वर्ष की करुण कहानी, भूलो मेरे यार।
हंँसी खुशी से विदा करें हम,जाओ सन् चौबीस।
पच्चीस लाएगा हम सबको, सुख समृद्धि अपार।

©Subhash Singh

#Newyear2024-25

16 Love

Google शत्-शत् करूँ प्रणाम मैं,अर्थ क्रांति के दूत। लीक छोड़कर तुम चले,बने महान सपूत। अमल धवल नव नीतियांँ,जन-जन का उत्थान, नहीं समझ पाये तुम्हें, तुम सच्चे अवधूत। ©Subhash Singh

#Manmohan_Singh_Dies #कविता  Google शत्-शत् करूँ प्रणाम मैं,अर्थ क्रांति के दूत।
लीक छोड़कर तुम चले,बने महान सपूत।
अमल धवल नव नीतियांँ,जन-जन का उत्थान,
नहीं समझ पाये तुम्हें, तुम सच्चे अवधूत।

©Subhash Singh

Unsplash यहाँ आना हमेशा ही,बहुत ही खास होता है। सुकोमल स्पर्श पाते ही,मधुर एहसास होता है। हमारा भाग्य था उज्ज्वल,तुम्हारा साथ मिल पाया, अगर साथी मिला मन का,मृदुल मधुमास होता है। ©Subhash Singh

#कविता #lovelife  Unsplash यहाँ आना हमेशा ही,बहुत ही खास होता है।
सुकोमल स्पर्श पाते ही,मधुर एहसास होता है।
हमारा भाग्य था उज्ज्वल,तुम्हारा साथ मिल पाया,
अगर साथी मिला मन का,मृदुल मधुमास होता है।

©Subhash Singh

#lovelife

13 Love

छायावादी काव्य जनक अरु,बड़े कहानीकार। उपन्यास नाटक एकांकी, अतुलित है भंडार।। है अमर कृति कामायनी में,उपनिषदों का सार। आनंदवादी की पुण्य तिथि,नमन करूँ शत बार।। ©Subhash Singh

#कविता  छायावादी काव्य जनक अरु,बड़े कहानीकार।
उपन्यास नाटक एकांकी, अतुलित है भंडार।।
है अमर कृति कामायनी में,उपनिषदों का सार।
आनंदवादी की पुण्य तिथि,नमन करूँ शत बार।।

©Subhash Singh

छायावादी काव्य जनक अरु,बड़े कहानीकार। उपन्यास नाटक एकांकी, अतुलित है भंडार।। है अमर कृति कामायनी में,उपनिषदों का सार। आनंदवादी की पुण्य तिथि,नमन करूँ शत बार।। ©Subhash Singh

11 Love

White यह धनतेरस लेकर आये,सुख समृद्धि अपार। सबके आँगन में छा जाये,मधुमय अमित बहार। धन्वंतरि जी विनय यही है,रखना हमें निरोग, मांँ लक्ष्मी जी अक्षय धन दो,जन-जन करे पुकार। ©Subhash Singh

#कविता #Dhanteras  White यह धनतेरस लेकर आये,सुख समृद्धि अपार।
सबके आँगन में छा जाये,मधुमय अमित बहार।
धन्वंतरि जी विनय यही है,रखना हमें निरोग,
मांँ लक्ष्मी जी अक्षय धन दो,जन-जन करे पुकार।

©Subhash Singh

#Dhanteras

13 Love

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