Manisha Maru

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#विचार #justice  नेह नीर रक्त बहे,
 क्षित विक्षत हे कंचन देह। 
 कुदृष्टि नोच खाए,
वसुंधरा के झड़ गए मेह।।

©Manisha Maru

#justice

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#विचार #Dream  White माना सपनें अपने दम पर सच होते हैं.....
                          लेकिन कुछ सुनहरे सपने........ ऐसे होते हैं.....
 जो स्नेह ,साथ और सहयोग के बिना ...
                                     हकीकत का रूप नहीं ले सकते 🙏✍️🏻

©Manisha Maru

#Dream

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#ज़िन्दगी #sareelover

#sareelover

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#Jay_Shree_Ram #Ayodhya
#कविता #JaiShreeRam  Jai shree ram 🙏🙏✍️

शिल्पकार कहूं, 🌹
मूर्तिकार कहूं या 🌹
कहूं कुशल कलाकार।🙏
पाषाण में प्राण फूंक🌹
अद्भुत,अलौकिक,अप्रीतम रूप गढ़ा 🌹
भावों के चन्दन से करती🙏
 वंदन-अभिनंदन बारंबार। ✍️🌹🙏
🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹

संपूर्ण विश्व का एक भाग्यशाली🙏🙏 
तरूण युवा "अरूण योगीराज"ने इतिहास रच डाला।✍️
एक ही शालिग्राम शीला को तराशकर🙏🙏 
रामलाला बालस्वरूप साथ एक-एक रूप को निखार डाला।🙏🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹

अस्तित्व, व्यक्तित्व, दायित्व की अमरबेल 🙏
चहुं दिस खिलकर विस्तृत हुई ✍️
जगत सराय के जन मानस में,🌹 
युग- युग तक प्रेंरक बन ✍️
प्रेंरित करेगी🙏🌹✍️ 
ये अविस्मरणीय स्मृतियां।🙏
🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹

एक ही प्रतीमा में प्रभु विष्णु 🙏के अवतारों को....
मत्‍स्‍य,कूर्म,वराह,नृसिंह,वामन,🙏
परशुराम,राम,कृष्‍ण,बुद्ध,कल्कि🙏 
सबको बड़ी खुबसूरती से मनमोहक रूपों में र्दशा दिया।🌹🙏
चमत्कृति, हस्तशिल्प,मनमोहिनी मुरत के🌹 
एक ओर बजरंगबली🙏 
तो दूजी ओर श्री गरुड़ जी🙏 को तराश दिया।✍️
🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹

ओजस्विनी आभामंडल में 
सूर्यदेव संग-संग 🙏
शंख, स्वस्तिक, चक्र,गदा चिन्ह✍️ 
तो बाएं हस्त धनुष-बाण धरें मुद्रा में ✍️
रमलला के बालरूप को झलका दिया।🙏🌹✍️
🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹

एकाग्रचित योगदान की योग्यता✍️🌹 
खिलकर मुस्कुराई बनकर प्रेम-प्रमाण। ✍️🙏
धन्य हुआ🌹उपर बैठा शिल्पकार भी✍️
भरकर🙏सींच कर ऐसे मनु में जीवन प्राण।✍️🌹
🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹

होकर नतमस्तक कर रही🙏 
कोटी-कोटी 🙏धन्यवाद्,आभार ,साधुवाद 🙏
बड़भागी वो🙏 मात-पिता,🙏कुटुंब, परिवार, समाज। 🙏
धन्य-धन्य हुआ सारा संसार,
 पूर्ण ब्रह्मांड जय-जय "अरूण योगीराज"🌹🙏
🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹

मौलिक स्वरचित  रचना
मनीषा मारू✍️
नेपाल🌹

©Manisha Maru

#JaiShreeRam

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खुशियों की, पहली बरसात। झूम रहा मन, खोल के दोनों हाथ। ऐसे में बस हो जाएं, बस मेरी तुमसे मुलाकात। थम जाए सारा आलम, करीब आ जाएं चांदनी रात। चले चहुं ओर मस्त शरद हवाएं ना हो किसी की भी वो मोहताज। ऐसी घनघोर बरसना ऐ बरखा रानी आज की छूटे ना उम्र–ऐ–दराज मेरा उनका हाथों से हाथ। ©Manisha Maru

#rain❤ #लव  खुशियों की,
पहली बरसात।

झूम रहा मन, 
खोल के दोनों हाथ।

ऐसे में बस हो जाएं,
बस मेरी तुमसे मुलाकात।

थम जाए सारा आलम,
करीब आ जाएं चांदनी रात।

चले चहुं ओर मस्त शरद हवाएं
ना हो किसी की भी वो मोहताज।

ऐसी घनघोर बरसना ऐ बरखा रानी आज 
की छूटे ना उम्र–ऐ–दराज मेरा उनका हाथों से हाथ।

©Manisha Maru

#rain❤

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