खुशियों की, पहली बरसात। झूम रहा मन, खोल के दोनों | हिंदी लव

"खुशियों की, पहली बरसात। झूम रहा मन, खोल के दोनों हाथ। ऐसे में बस हो जाएं, बस मेरी तुमसे मुलाकात। थम जाए सारा आलम, करीब आ जाएं चांदनी रात। चले चहुं ओर मस्त शरद हवाएं ना हो किसी की भी वो मोहताज। ऐसी घनघोर बरसना ऐ बरखा रानी आज की छूटे ना उम्र–ऐ–दराज मेरा उनका हाथों से हाथ। ©Manisha Maru"

 खुशियों की,
पहली बरसात।

झूम रहा मन, 
खोल के दोनों हाथ।

ऐसे में बस हो जाएं,
बस मेरी तुमसे मुलाकात।

थम जाए सारा आलम,
करीब आ जाएं चांदनी रात।

चले चहुं ओर मस्त शरद हवाएं
ना हो किसी की भी वो मोहताज।

ऐसी घनघोर बरसना ऐ बरखा रानी आज 
की छूटे ना उम्र–ऐ–दराज मेरा उनका हाथों से हाथ।

©Manisha Maru

खुशियों की, पहली बरसात। झूम रहा मन, खोल के दोनों हाथ। ऐसे में बस हो जाएं, बस मेरी तुमसे मुलाकात। थम जाए सारा आलम, करीब आ जाएं चांदनी रात। चले चहुं ओर मस्त शरद हवाएं ना हो किसी की भी वो मोहताज। ऐसी घनघोर बरसना ऐ बरखा रानी आज की छूटे ना उम्र–ऐ–दराज मेरा उनका हाथों से हाथ। ©Manisha Maru

#rain❤

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