joshi joshi diljala

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Tujhe ruthne Ka hunar Aata Hai Mujhe manane ka

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Unsplash मैं नहीं जानती थी कि वह प्यार में पागल, हो जाएगा। मैं नहीं जानती थी मेरे गम में व देव दास, हो .जाएगा। जब मालूम चला मुझको वह मेरे शहर, में आ .गया है। मैं नहीं जानती थी की व मेरे बगैर जोशी, मर .जाएगा। मैं यह जानती, थी कि, मेरा प्यार, सच्चा, है .मुंतजीर,। पता लगते ही मेरा भी दम उसके साथ निकल जाएगा। ©joshi joshi diljala

#शायरी #lovelife  Unsplash मैं नहीं जानती थी कि वह प्यार में पागल, हो जाएगा। 
मैं नहीं जानती थी मेरे गम में व देव दास, हो .जाएगा। 
जब मालूम चला मुझको वह मेरे शहर, में आ .गया है।
मैं नहीं जानती थी की व मेरे बगैर जोशी, मर .जाएगा। 
मैं यह जानती, थी कि, मेरा प्यार, सच्चा, है .मुंतजीर,।
पता लगते ही मेरा भी दम उसके साथ निकल जाएगा।

©joshi joshi diljala

#lovelife

17 Love

Unsplash मुझे लोग पागल कहते हैं कहने दो। मुझे लोग आशिक भी कहते हैं कहने दो। कुछ लोग मुझ पर हंसते, भी हैं हंसने दो। मैं अब क्या करूं दिलजले? छोड़ो दुनिया है रहने दो। ©joshi joshi diljala

#शायरी #leafbook  Unsplash मुझे लोग पागल कहते हैं कहने दो। 
मुझे लोग आशिक भी कहते हैं कहने दो।
कुछ लोग मुझ पर हंसते, भी हैं हंसने दो। 
मैं अब क्या करूं दिलजले? छोड़ो दुनिया है रहने दो।

©joshi joshi diljala

#leafbook

11 Love

Unsplash अब दर्द ने दिल की दहलीज लॉन्ग दी। ✍️ मरहम जख्म से मनोज लिपट कर रोया है। 💔 कितना नासूर, हो गया , जख्म, दिल, का मेरे।💘 यह देख कर नश्तर भी दिल में घुसकर कर रोया है।🔪 ©joshi joshi diljala

#शायरी #leafbook  Unsplash अब दर्द ने दिल की दहलीज लॉन्ग दी। ✍️
मरहम जख्म से मनोज लिपट कर रोया है। 💔
कितना नासूर, हो गया , जख्म, दिल, का मेरे।💘
यह देख कर नश्तर भी दिल में घुसकर कर रोया है।🔪

©joshi joshi diljala

#leafbook

13 Love

ना दिल पे लिखूंगा, ना मंज़िल पे लिखूंगा लबों पे लिखूंगा, ना मुकतहिल पे लिखूंगा मुतासिर किया है, तेरे रुख़सार नें बहोत इक गज़ल मैं तेरे, गालों के तिल पे लिखूंगा ~ ©joshi joshi diljala

#शायरी  ना दिल पे लिखूंगा, ना मंज़िल पे लिखूंगा
लबों पे लिखूंगा, ना मुकतहिल पे लिखूंगा 
मुतासिर किया है, तेरे रुख़सार नें बहोत 
इक गज़ल मैं तेरे, गालों के तिल पे लिखूंगा
~

©joshi joshi diljala

ना दिल पे लिखूंगा, ना मंज़िल पे लिखूंगा लबों पे लिखूंगा, ना मुकतहिल पे लिखूंगा मुतासिर किया है, तेरे रुख़सार नें बहोत इक गज़ल मैं तेरे, गालों के तिल पे लिखूंगा ~ ©joshi joshi diljala

14 Love

ए जिंदगी तुझे कुछ गिला नहीं। पर जो कुछ तुझसे मांगा मैंने वह तो मुझे मिला नहीं। ए जिंदगी तुझे कुछ गिला नहीं। एक ख्वाहिश थी कुछ कर गुजरुण। कुछ अरमान थे दिल में मेरे। पर जीने का हक देखो तुमसे। मुझको कभी मिला नहीं। ए जिंदगी तुझे कुछ गिला नहीं। पर जो कुछ मांगा तुझे मैंने वह तो मुझे मिला नहीं। ए जिंदगी तुझे कुछ गिला नहीं। ©joshi joshi diljala

#शायरी #GarajteBaadal  ए जिंदगी तुझे कुछ गिला नहीं। 
पर जो कुछ तुझसे मांगा मैंने वह तो मुझे मिला नहीं। 
ए जिंदगी तुझे कुछ गिला नहीं। 
एक ख्वाहिश थी कुछ कर गुजरुण। 
कुछ अरमान थे दिल में मेरे। 
पर जीने का हक देखो तुमसे। 
मुझको कभी मिला नहीं। 
ए जिंदगी तुझे कुछ गिला नहीं। 
पर जो कुछ मांगा तुझे मैंने वह तो मुझे मिला नहीं। 
ए जिंदगी तुझे कुछ गिला नहीं।

©joshi joshi diljala

Unsplash कभी कभी तो वो ऐसी मिसाल देता है कि सुनने वाले को हैरत में डाल देता है मैं अपने आप में बेहद थका मुसाफ़िर हूँ । ये कौन भीड़ से आगे निकाल देता है मिरी ख़ताओं पे इतना बड़ा करम तेरा । मुझे तू गिरने से पहले संभाल देता है बुला रहा है कई दिन से बादशाह हमें ख़ुदा फ़क़ीरो को क्या क्या कमाल देता है। तिरे फ़रेब की मैं तुझ को दाद देता हूँ तू बात सुनता है और सुन के टाल देता ©joshi joshi diljala

#शायरी #leafbook  Unsplash कभी कभी तो वो ऐसी मिसाल देता है 
कि सुनने वाले को हैरत में डाल देता है 

मैं अपने आप में बेहद थका मुसाफ़िर हूँ ।
ये कौन भीड़ से आगे निकाल देता है 

मिरी ख़ताओं पे इतना बड़ा करम तेरा ।
मुझे तू गिरने से पहले संभाल देता है 

बुला रहा है कई दिन से बादशाह हमें 
ख़ुदा फ़क़ीरो को क्या क्या कमाल देता है।

तिरे फ़रेब की मैं तुझ को दाद देता हूँ 
तू बात सुनता है और सुन के टाल देता

©joshi joshi diljala

#leafbook

9 Love

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