indresh sharmi

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कुछ लिख लेता हूं, कुछ पल जी लेता हूं ...पढ़ना तो जीवन भर है मुझको...बस इतना ही कर लेता हूं!!

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#शायरी #forgotten #true #Dil

#true #Love #Dil #forgotten शायरी दर्द

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White जहां तक महफूज़ आदाब हो ! उतनी सी मोहब्बत की खवाइश हमें ! हो कितनी मुक्कमल शहवानियां ! गुमराहित कदम गवारा नही !! ऐसी ही मोहब्बत की ख्वाइश है श्रमी को!! जिसके बिन मेरा गुजारा नही ! तू भी है इंसा, मैं भी हूं इंसा ! गुस्ताखियां की थोड़ी इजाजत भी हो !! मगर याद हो, हमको अपनी हिदायत! अल_तयम मुहब्बत की ख्वाइश वही ! हद में रहे, गर मोहब्बत करें !! @इंद्रेश_श्रमी 1. शहवानियाँ -कामुकता 2. अल_ तयम गहरा प्रेम ©indresh sharmi

#शायरी #शायर #shayri #true #S  White जहां तक महफूज़ आदाब हो !    
      उतनी सी मोहब्बत की खवाइश हमें !                हो कितनी मुक्कमल शहवानियां !
  गुमराहित कदम गवारा नही  !!      
    ऐसी ही मोहब्बत की ख्वाइश है श्रमी को!! जिसके बिन मेरा गुजारा नही !
 तू भी  है इंसा, मैं भी हूं इंसा !
 गुस्ताखियां की थोड़ी इजाजत भी हो !! 
मगर याद हो, हमको अपनी हिदायत!
      अल_तयम मुहब्बत की ख्वाइश वही !
 हद  में रहे, गर मोहब्बत करें !!
@इंद्रेश_श्रमी 

1. शहवानियाँ -कामुकता 2. अल_ तयम गहरा प्रेम

©indresh sharmi

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#शायरी

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#शायरी

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#ज़िन्दगी  ये मोहब्बत ..... ये बदनामी.... ये नाकामी...ये रुखसत ...और संघर्ष की कहानी........
सबकुछ रखना पड़ता है ...ये इंसान गर जीना तुझे...तो सहना पड़ता है !!

©indresh bahadur

@जो देखा वही जिंदगी का फरमान है..

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गर्दिश ए शाम समेटे हुए आ जाओ तुम ! बनके महबूब किसी हाल में आ जाओ तुम !! तेरे ना होने से बिखरा हुआ है हर शमां ! कोई शमां मुझको निहारे,आ जाओ तुम !! तुमको रिझाने की अब मैं ख्वाइस नहीं रखती ! छोटी छोटी बातों से , चिल्लाने की ख्वाइश नहीं रखती !! वो तेरे बेपरवाही पर मैं खुदबखुद उखड़ जाती थी ! अब न उखडूंगी आ जाओ तुम !! कितनी जिल्लत कितनी उदासी से दीवारें देखती है मुझको ! घर की चाहूं किवाड़े हर पल टोकती है मुझको ! अब कितना अफसोस लिए तुमको निहारू मैं ! कही उम्मीद न छोड़ दूं जीने की आ जाओ तुम !! ©indresh bahadur

#कविता  गर्दिश ए शाम समेटे हुए आ जाओ तुम !
बनके महबूब किसी हाल में आ जाओ तुम !!
तेरे ना होने से बिखरा हुआ है हर शमां !
कोई शमां मुझको निहारे,आ जाओ तुम !!
तुमको रिझाने की अब मैं ख्वाइस नहीं रखती !
छोटी छोटी बातों से , चिल्लाने की ख्वाइश नहीं रखती !!
वो तेरे बेपरवाही पर मैं खुदबखुद उखड़ जाती थी !
अब न उखडूंगी आ जाओ तुम !!
कितनी जिल्लत कितनी उदासी से दीवारें देखती है मुझको !
घर की चाहूं किवाड़े हर पल टोकती है  मुझको !
अब कितना अफसोस लिए तुमको निहारू मैं !
कही उम्मीद न छोड़ दूं जीने की आ जाओ तुम !!

©indresh bahadur

तेरी राह बहादुर शाह ज़फ़र इलाहाबादी (मैं शायर बदनाम)

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