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एक रात एक बात लिखूंगा खुद को रागी और तुम्हे साफ़ लिखूंगा मालूम है अब कभी मिलेगी नहीं तुम इस उस रात अपनी प्रेम कहानी की एक किताब लिखूंगा । ✓Ishitav @poetrysoul_999 ©Ishita Verma
Ishita Verma
15 Love
White शिद्दत वाला इश्क़ ज़िक्र किसी का भी हो रहा हो हर बार ख्याल तुम्हारा ही आता है कहीं अकेली खड़ी हू तो आंखों का तलाशना तुम्हे शुरू हो जाता है एक पल तुम्हारे बिना जिंदगी जैसे मेरी थम सी जाती है, कैसे बताऊं तुमको यह सांसें रुक सी जाती है कोई किसी के लिए कैसे इतना अनमोल हो जाता है यह अब मैं अच्छे से महसूस कर पाती हूं । विश्वाश नहीं होता था पहले मुझे की मैं भी किसी से प्यार कर पाऊंगी प्यार में इतनी पागल हो जाऊंगी क्या जादू सा हुआ है मेरे पर न जाने! यह बात नहीं समझ पाई मैं जिस दिन से मिली हूं तुम से उस दिन से अपने आप को तुम्हारे हवाले कर पाई हूं मैं।। बहुत हिम्मत से एक लड़की किसी से प्यार कर बैठती है, और जिससे भी करती है पूरी शिद्दत से करती है।।। ✓Ishitav @poetrysoul_999 ©Ishita Verma
16 Love
तुम सुकून हो, तुम चैन हो, तुम प्रेम हो, तुम क्रोध हो जो मेरा । तुम हिम्मत हो, तुम ही हो कमज़ोरी मेरी तुम नींद हो तुम ही ही प्यास मेरी तुम वो सुगंध हो तुम वो एहसास हो मेरा क्या बोलूं क्या ना बोलूं जीने की वजह से मरने से फिर से ज़िंदा होना वो हो तुम मेरा ।। @poetrysoul_999 ✓Ishitav ©Ishita Verma
थक हार हर जब भी लेटती हूं जब अकेले बहुत याद आती हो मां दूर हूं अब जब से तुम्हसे तुम्हारी बहुत याद सताती है मां। अकेले जब पढ़ जाती हूं, उस समय आंसू के जरिए याद आजाती हो मां मन्न करता है गले लग जाऊ पर शादी जो तुम्हने मेरी इतनी दूर रचा दी जो मां।। मन्न हल्का करने किसके पास जाऊं उस कदर तुम्हारी कमी खलती है मां बिना बोले मेरी मन्न पढ़ लेती थी तुम उन पुराने दिनों में खुद को फिर से खोजती हूं में अपने आपको मां।।। पता नहीं क्यों अपने आप को खो कर अपनी पहचान खो रही हूं मैं मां तुम्हारी सिखाए हर अच्छे कदम पर उतरने के लिए सबकी खुशी ढूंढ़ती हूं में हर बार मां। आजाओ ना पास मेरे कुछ पल मेरे पास बीता जाओ ना मां, तक गई में बहुत अभी कुछ पल अपने आंचल में मुझे छिपा लो ना मां।।।। ✓Ishitav @poetrysoul_999 ©Ishita Verma
शिव की अराधना पार्वती की तपसिया प्रेम दोनों का बरक़रार था ताकत थी प्यार में इसलिए दो आत्मा का मिलना तह था आए बारात लेके शिव अपनी पार्वती को लेने धूम धाम से रौनक से लेके गए अपनी नगरी अपनी अर्धांगिनी को। ✓Ishitav @poetrysoul_999 ©Ishita Verma
11 Love
White जलती आग, उबलता मन्न शांत दिल को हिलाओ मत आंधी को मेरे बढ़को मत जिस दिन तूफ़ान आजाएगा ले दुबजायेगा इस शहर को... जिंदा दिल को मेरे उबालो मत माना शांत हूं पर उससे ज़्यादा तूफ़ान है मिन्न में उस आग को मेरी भड़काऊ मत जीने दो और जी लो ढंग से वरना भद्र रूप मेरा अपने सामने लाओ मत । ✓Ishitav @poetrysoul_999 ©Ishita Verma
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