हां भूल चुका हूं मैं......
भूल चुका हूं.....
तेरी सभी यादों को,
तेरी उन मीठी मीठी सी बातों को,
जमाने से छुपकर जो होती थी उन मुलाकातों को,
भूल चुका हूं.....
भूल चुका हूं मैं.....
की कैसे तुझ पर मैं अपना हक जताया करता था,
कैसे मैं तुझे अपनी हर धड़कन में बसाया करता था,
कैसे तेरे संग जिंदगी के सुहाने सपने सजाया करता था,
भूल चुका हूं......
भूल चुका हूं....
की तेरे चेहरे पे एक काला सा तिल है,
की तेरी जुल्फों को संभाल पाना मुश्किल है,
तेरी तीखी नजरो से बचना आसान नहीं,
क्योंकि तेरी नजरे ही तो हैं जो कातिल है,
भूल चुका हूं मैं....
देख कुछ भी तो याद नहीं मुझको,
देख सच में मैं भूल चुका हूं तुझको।
©SAJAN
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