*नारी का जिवन*
नारी का जिवन नहीं होता आसान ।
न कोई छुट्टी न कभी आराम,
जिवन भर हम सबके लिए बस
करती रह जाती काम ही काम ।
फ़र्ज़ है ये हमारा उनका सम्मान करें ,
कभी उनके लिए भी कुछ खास करें ।
एक जिवन में वे लेती कई जन्म ,
कभी बेटी बन , कभी पत्नी तो कभी मां बन ।
न जाने कितने कष्ट सहती वे इब जिवन में,
हम तो करहाने लगते बस एक चोट के दर्द में ।
आखिर कब सूर्योदय होगा उनके जीवन में,
अबतक कैद रखेंगे हम उन्हें घर के आंगन में ।
उनका भी जिवन है , उनके भी होते कुछ अरमान,
आखिर कब होंगे उनके भी सपने साकार ।
देश हमारा समरिद्ध तबतक न होगा ,
जबतक हर घर की नारी शिक्षित , और उन्हें
खुद पर आत्मविश्वास न होगा ।।
_Ankit_Saha
_Labze_dil
©Ankit Kumar
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