Mustafa Dhorajiwala 'Maani'

Mustafa Dhorajiwala 'Maani' Lives in Mumbai, Maharashtra, India

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#doosra_ishq #kitaabein #mohabbat #Shayar #malaal  Doosre    ishq    ki    jaanib    tu    khula   jaata   hai
Ishq-e-avval  ke  malaalo  me  hai  uljhe hue hum

Subh-e-raushan   ki   taraf   kaise  nazar  jaayegi
Shab e hijraaN ke kamaalo me hai uljhe hue hum



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©Mustafa Dhorajiwala 'Maani'
#hindi_poetry #hindi_quotes #kitaabein #Shayar #kitaab  हर   एक   फ़र्द   को  रक्खा  नज़र  के  शाने  पर
फिर   उस  के   बाद   किए  तबसिरे  ज़माने  पर

सुना   हैं   सर   जो  उठेगा  वो  सर  क़लम  होगा
हमें   भी   हर्ज   नहीं   अपना   सर   कटाने   पर

किया  है  तज़्करा  सब  एहल-ए-बज़्म  का  मैं ने
बताओ    कौन    नहीं    था    मेरे    निशाने   पर

अना   के   ज़ौम   से   बाहर   निकाले  कौन  उसे
कब  आए  होश  भला  उसके  अब  ठिकाने  पर

ख़तीब-ए-फि़क्र-ओ-फ़न-ए-ज़िन्दगी-ए-बेपरवाह
किताब    लिक्खेंगे    मानी    तेरे    फ़साने    पर

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©Mustafa Dhorajiwala 'Maani'

کیا مرا جرم ہے بتا دے نا پھر مجھے چاہے جو سزا دینا شہر کا آخری چراغ ہوں میں اے ہواؤں مجھے بجھا دینا باپ رویہ جب اُس کے بچّے نے کہا بابا کھلونا لا دینا ماں ! مجھے خواب اچّھے آئیں گے اپنی آغوش میں سلا دے نا شرم سے مر گیا جو عریاں شخص تم اُسے اک کفن اُڑھا دینا کہا رب نے, کسی کے احساں کا صرف احسان سے سلہ دینا تُجھ میں اِک یہ بھی خاصیت ہے دوست تُجھ سے سیکھے کوئی دغا دینا زندگی بس یہی تو ہے ' مانی' لے کے ہاتھوں میں خاک اُڑا دینا . ©Mustafa Dhorajiwala 'Maani'

#poetcommunity #ghazal #desert #Shayar  کیا     مرا     جرم    ہے    بتا    دے    نا 
پھر    مجھے    چاہے    جو    سزا   دینا

شہر    کا    آخری    چراغ    ہوں    میں
اے      ہواؤں      مجھے     بجھا     دینا

باپ    رویہ    جب    اُس  کے   بچّے   نے
کہا        بابا        کھلونا        لا       دینا

ماں !   مجھے   خواب   اچّھے   آئیں گے
اپنی      آغوش      میں     سلا     دے نا

شرم   سے   مر   گیا  جو  عریاں  شخص
تم     اُسے      اک      کفن     اُڑھا     دینا

کہا   رب    نے,    کسی   کے   احساں   کا
صرف      احسان      سے      سلہ      دینا

تُجھ میں اِک یہ بھی خاصیت ہے دوست
تُجھ    سے    سیکھے    کوئی   دغا   دینا

زندگی     بس    یہی    تو    ہے    ' مانی'
لے    کے   ہاتھوں   میں   خاک   اُڑا   دینا

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©Mustafa Dhorajiwala 'Maani'

क्या मेरा जुर्म है बता दे ना फ़िर मुझे चाहे जो सज़ा देना शह्र का आखरी चराग़ हूं मैं ऐ हवाओं मुझे बुझा देना बाप रोया जब उस के बच्चे ने कहा बाबा खिलौना ला देना मां मुझे ख़्वाब अच्छे आएंगे अपनी आगोश में सुला दे ना शर्म से मर गया जो उर्यां शख्स तुम उसे इक कफ़न उढ़ा देना कहा रब ने, किसी के एहसां का सिर्फ एहसान से सिला देना तुझ में इक ये भी खासियत है दोस्त तुझ से सीखे कोई दगा देना ज़िंदगी बस यही तो है ' मानी ' ले के हाथों में खाक उड़ा देना . ©Mustafa Dhorajiwala 'Maani'

#MaaniKeSukhan #hindi_poetry #shayar_hr #ghazal  क्या   मेरा    जुर्म   है   बता   दे  ना
फ़िर   मुझे   चाहे   जो   सज़ा  देना

शह्र    का   आखरी   चराग़   हूं   मैं
ऐ     हवाओं     मुझे     बुझा    देना

बाप   रोया   जब  उस  के  बच्चे  ने
कहा    बाबा    खिलौना    ला   देना

मां    मुझे    ख़्वाब    अच्छे   आएंगे
अपनी   आगोश   में   सुला   दे   ना

शर्म   से  मर  गया  जो  उर्यां  शख्स
तुम   उसे   इक   कफ़न   उढ़ा   देना

कहा  रब  ने,  किसी  के  एहसां  का
सिर्फ    एहसान    से    सिला    देना

तुझ में इक ये भी खासियत है दोस्त
तुझ    से   सीखे   कोई   दगा   देना

ज़िंदगी    बस   यही  तो  है  ' मानी '
ले   के   हाथों   में  खाक  उड़ा  देना

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©Mustafa Dhorajiwala 'Maani'

اِک کے بعد ایک سال، کتنے سال زیست کا ایسا حال، کتنے سال دل پہ زخم اور زخم، کتنے زخم ہو یہ دل پائمال، کتنے سال تُجھ پہ رشک اور رشک کتنا رشک کر سکے گا ہلال، کتنے سال دشتِ خشک اور خشک، کتنا خشک جئے ہم تشنہ حال ، کتنے سال ہم پہ ظلم اور ظلم کتنا ظلم خوں رہے بے اُبال، کتنے سال لب پہ جھوٹ اور جھوٹ کتنے جھوٹ تو کرے گا بہال ،کتنے سال ' مانی' درد اور درد کتنا درد کر خدا سے سوال، کتنے سال . ©Mustafa Dhorajiwala 'Maani'

#MaaniKeSukhan #urdu_poetry #urdu_quote #urdudesign #urduadab  اِک   کے   بعد   ایک   سال،  کتنے  سال
زیست    کا   ایسا   حال،   کتنے   سال

دل   پہ   زخم   اور  زخم،  کتنے  زخم
ہو     یہ    دل    پائمال،    کتنے    سال

تُجھ  پہ  رشک  اور  رشک  کتنا رشک
کر     سکے گا     ہلال،     کتنے     سال

دشتِ خشک  اور  خشک،  کتنا  خشک
جئے    ہم    تشنہ حال ،    کتنے   سال

ہم   پہ   ظلم    اور   ظلم   کتنا   ظلم
خوں     رہے     بے اُبال،     کتنے    سال

لب پہ جھوٹ اور جھوٹ کتنے جھوٹ
تو      کرے گا     بہال     ،کتنے     سال

' مانی'    درد    اور    درد    کتنا   درد
کر    خدا    سے    سوال،    کتنے   سال


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©Mustafa Dhorajiwala 'Maani'

इक के बाद एक साल, कितने साल ज़ीस्त का ऐसा हाल, कितने साल दिल पे ज़ख़्म और ज़ख़्म, कितने ज़ख़्म हो ये दिल पाएमाल , कितने साल तुझ पे रश्क और रश्क, कितना रश्क कर सकेगा हिलाल, कितने साल दश्त-ए-खुश्क और खुश्क कितना खुश्क जिए हम तश्ना हाल, कितने साल हम पे ज़ुल्म और ज़ुल्म कितना ज़ुल्म खूं रहे बेउबाल कितने साल लब पे झूठ और झूठ कितने झूठ तू करेगा बहाल, कितने साल ' मानी ' दर्द और दर्द कितना दर्द कर खुदा से सवाल, कितने साल ۔ ©Mustafa Dhorajiwala 'Maani'

#hindi_shayari #MaaniKeSukhan #hindi_quotes #hindi_poetry #hindi_poem  इक   के  बाद  एक  साल,  कितने  साल
ज़ीस्त   का   ऐसा   हाल,   कितने   साल

दिल पे ज़ख़्म और ज़ख़्म, कितने ज़ख़्म
हो   ये   दिल   पाएमाल ,   कितने  साल

तुझ  पे  रश्क  और  रश्क,  कितना  रश्क
कर    सकेगा    हिलाल,    कितने    साल

दश्त-ए-खुश्क और खुश्क कितना खुश्क
जिए    हम    तश्ना हाल,    कितने    साल

हम  पे  ज़ुल्म  और  ज़ुल्म  कितना ज़ुल्म
खूं       रहे     बेउबाल      कितने     साल

लब   पे   झूठ   और   झूठ   कितने  झूठ
तू      करेगा     बहाल,     कितने     साल

' मानी '    दर्द   और   दर्द   कितना   दर्द
कर    खुदा   से   सवाल,   कितने   साल


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©Mustafa Dhorajiwala 'Maani'
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