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White मुझे ये दुश्मन विरासत में नहीं मिलें मेरा कारोबार दोस्ती की नींव पर खड़ा था ©Anil Kumar Baghpat Up
Anil Kumar Baghpat Up
11 Love
White लोग पत्थरों को भगवान मान रहे हैं जिन्होंने जीवन दिया है उन्हें घर से निकाल रहे हैं ©Anil Kumar Baghpat Up
10 Love
White उम्र भर जो बैठें रहें कागज़ की कश्तियों में वो हीं हुए बदनाम जाकर शराफ़त की बस्तियों में ©Anil Kumar Baghpat Up
White सबकी आदत एक जैसी थी बस सूरत अलग थी ©Anil Kumar Baghpat Up
15 Love
बड़ी रफ्तार से ज़माना चल रहा है हर परिंदे के पीछे शिकारी चल रहा है बाज़ तो निकल आएं हदों से बाहर कबूतरों पर ही निशाना लग रहा है ©Anil Kumar Baghpat Up
14 Love
White खामोशियों की कब्र में जिस जिस का बिछौना है किसी के खलल से वहां का हर तकिया गीला है ©Anil Kumar Baghpat Up
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