Aditya Neerav

Aditya Neerav Lives in Hazaribagh, Jharkhand, India

"लिखते रहना ही कवि कि जिंदगी है कुछ ना लिखना मृत्यु समान होता है"

  • Latest
  • Popular
  • Repost
  • Video

White रेत सी फिसल रही है जिंदगी धीरे-धीरे मरने को हम जीना समझ बैठे हैं नजरें गड़ाए हैं जो अपनी कामयाबी पर वह पानी को आबगीना समझ बैठे हैं ©Aditya Neerav

#शायरी #life_lesson  White रेत सी फिसल रही है जिंदगी
धीरे-धीरे मरने को हम जीना समझ बैठे हैं 

नजरें गड़ाए हैं जो अपनी कामयाबी पर 
 वह पानी को आबगीना समझ बैठे हैं

©Aditya Neerav

#life_lesson

12 Love

White ना आधा सा ना पूरा सा मैं हूँ अधूरा सा... ©Aditya Neerav

#विचार #Sad_Status  White ना आधा सा ना पूरा सा
मैं हूँ अधूरा सा...

©Aditya Neerav

#Sad_Status

13 Love

White एकाकीपन में कभी खुद को महसूस करना जिसे तुमने खो दिया है... ©Aditya Neerav

#विचार #feel🍁  White एकाकीपन में 
कभी खुद को 
महसूस करना 
जिसे तुमने खो दिया है...

©Aditya Neerav

#feel🍁

13 Love

White कोई वक्त दे आपको बड़ी बात है यारों फुर्सत के पल अब कहाँ किसी के पास ©Aditya Neerav

#विचार #Thinking  White कोई वक्त दे आपको बड़ी बात है यारों 
फुर्सत के पल अब कहाँ किसी के पास

©Aditya Neerav

#Thinking

10 Love

White गिरती हुई बूंद से कभी पूछा है क्या ? कहां गिरोगी तुम ! धरती पर,पहाड़ों में नदी में,नालों में पेड़ के पत्तों पर फूलों में कोई ऊंच-नीच का भेद नहीं प्रकृति का ऐसा अद्भुत मेल बूँदे गिरती हैं व गिरती ही रहेंगी बारिश के पानी में कहीं कोई भेद नज़र आए तो कहना... ©Aditya Neerav

#कविता #rain❤  White  गिरती हुई बूंद से 
कभी पूछा है क्या ?
कहां गिरोगी तुम !
धरती पर,पहाड़ों में
नदी में,नालों में
पेड़ के पत्तों पर फूलों में
कोई ऊंच-नीच का भेद नहीं
प्रकृति का ऐसा अद्भुत मेल 
बूँदे गिरती हैं व गिरती ही रहेंगी 
बारिश के पानी में 
कहीं कोई भेद नज़र आए तो कहना...

©Aditya Neerav

#rain❤

15 Love

White अचानक से उठा मन में एक सवाल विलुप्त हो रहे जीव जंतुओं की तरह क्या प्रेम भी एक दिन सृष्टि से विलुप्त हो जाएगा...? नहीं प्रेम का विलुप्त होना भयावह हो जाएगा क्योंकि एक प्रेम ही तो है जो सबको अपने धागे में मनके की तरह पिरोए हुए हैं ©Aditya Neerav

#alone_sad_shayri #विचार  White अचानक से उठा 
मन में एक सवाल
विलुप्त हो रहे 
जीव जंतुओं की तरह 
क्या प्रेम भी 
एक दिन सृष्टि से 
विलुप्त हो जाएगा...?
नहीं
प्रेम का विलुप्त होना
भयावह हो जाएगा
  क्योंकि
एक प्रेम ही तो है
जो सबको अपने धागे में 
मनके की तरह पिरोए हुए हैं

©Aditya Neerav
Trending Topic