#RDV18#भारत#part3#final_part
ये कैसा शोर मचा है, देश की पायस भूमि पे
सोशल मीडिया तंज है कसता सरकारों की नीति पर,
अब चिल्लाना आम हुआ है गूंगी बहरी सरकारों पर,
टूट पड़ी सब्र की नदियाँ,ज़िम्मेदारी है हम जवानों पर,
पैदा होती बच्ची का भी शोषण यहां पर होता है,
बच्चा भूखा मर जाता है, पोशण कारण होता है,
#कैसे_आख़िर_कैसे#एक_विचार#hindi_poetry#Nojotovoice
कैसे.....आखिर कैसे....यही वो सवाल इस ज़हन में हर ज़हन की तरह बस्ता है। कहानियाँ नहीं हैं या कोशिशों में कमी है। अधूरी आरज़ू है या अस्तित्व की खोज है....!!! अर्धनंग विचार को पेश करने में शर्म है या विषैली सोच का प्रचार करने का खौफ़....!!! आखिर कैसे मैं खुद को ये बात समझा दूँ.....कि आज जब सियाह रात में, तुम फिर अकेले होगे और दिल के उस कमरे में, दीवान आज भी तुम्हारी ही खुवाइशों का बिलग-२ के रो रहा होगा तो चौखट के उस पार तमाशा पूरे जहाँ के सामने मशह
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