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” छोटी-छोटी बातों को नित्य ध्यान रखें बूंद – बूंद मिलकर ही बड़ा जलाशय बनता है। एक – एक त्रुटि मिलकर ही बड़ी बड़ी गलतियां होती है। इसलिए शाखाओं में जो शिक्षा मिलती है उसके किसी भी अंश को नगण्य अथवा कम महत्व का एनहीं मानना चाहिए।”
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साइकिल का निर्माण जर्मनी के बरोन कार्ल वोन ड्राइस (Baron Karl Von Drais) द्वारा किया गया था| इसमें पैडल नहीं थे और यह लकड़ी की बनी हुई थी|
तब साइकिल को धकेल कर चलाना पड़ता था जिसे लाउफमशीन (Laufmaschine) कहा जाता था|
इस साइकिल का इस्तेमाल करीबन 30 साल से ज़्यादा किया गया था|
मगर 1864 में फ़्रांस के दो भाइयों Pierre Michaux और Pierre Lallemen ने इसमें सीट और पैडल जोड़ा जिसके बाद साइकिल को पहले से ज़्यादा प्रसिद्धि मिली|
साइकिल में बदलाव करने के बाद बोनशेकर (Boneshaker) इसका नाम रखा गया|
मगर साइकिल के इतिहास में सबसे बड़ा बदलाव 20वीं सदी में आया|
साल 1900 से 1950 के दशक को साइकिल का गोल्डन ऐरा कहा गया क्योंकि यह उस वक़्त लोगों के ट्रेवल करने के लिए सबसे बड़ा साधन थी|
साइकिल चलाने के फायदे --
यह वज़न घटाने के लिए सबसे कारगर और आसान तरीका माना जाता है|
यह स्वास्थ्य के लिए सबसे अच्छा व्यायाम है|
इससे लोग स्ट्रेस फ्री रहते हैं।
साइकिल चलाने से इम्यून सिस्टमअच्छा रहता है|
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विश्व साइकिल दिवस का इतिहास
2018 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 3 जून को विश्व साइकिल दिवस मनाने की घोषणा की थी।
प्रोफेसर लेस्ज़ेक सिबिल्स्की ने विश्व साइकिल दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा था|
इस दिन को मनाने के लिए तुर्कमेनिस्तान समेत 56 देशों ने सहयोग किया था|
साइकिल चलाने से शरीर स्वस्थ रहता है और स्टैमिना भी बढ़ता है|
टाइप 1 और टाइप 2 मधुमेह वाले लोगों के लिए साइकिल चलाना बहुत फायदेमंद माना गया है
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