U.S. Varma

U.S. Varma Lives in Mahoba, Uttar Pradesh, India

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Unsplash मैं नहीं चाहता की तुझे, किसी डायरी में सिमटकर रख दूँ। तू बता तुझे ग़ज़ल बना दूँ या,फ़िज़ा के हर जर्रे में लिखकर रख दूँ। Mr. US Varma ©U.S. Varma

#शायरी #lovelife  Unsplash मैं नहीं चाहता की तुझे, किसी डायरी में सिमटकर रख दूँ।
तू बता तुझे ग़ज़ल बना दूँ या,फ़िज़ा के हर जर्रे में लिखकर रख दूँ।

Mr. US Varma

©U.S. Varma

#lovelife

9 Love

#शायरी #Book  Unsplash खुदा सब देखता है, ये जमाना कहता है।
दुनिया खूबसूरत है, हर फ़साना कहता है।
मुझे बता तो सही,उन्हें कौन  देखता है।
जिन पर हँसती है मुफलिसी
औऱ आँखों से दरिया बहता है।


            Mr. Us  Varma

©U.S. Varma

#Book

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#कविता #LongRoad  🌹 मनोभाव 🌹

           कुछ पद चिन्ह, कुछ स्मृतियां।
           कुछ ख्यालात, कुछ विस्मृतियां।
           कुछ संस्कार,  कुछ नैतिकता
           लिखना जीवन में,  कुछ भौतिकता
          फिर लिखना कुछ, जज्बात सही
         संघर्ष और हालात सही
         पर मत लिखना तुम दानवता
         कुछ लिखना जीवन में मानवता
         क्या भेदभाव, क्या जात-पात
         क्या दौलत और,  क्या ठाट बाट
          क्यों लिखना ऐसे मनोविकार
          कुछ लिखना मूल्य और उच्च विचार
          बेशक लिखना लाचारी
          कुछ गर्दिशे,कुछ भुखमारी
          कुछ लिखना जीवन में सात्विकता
          पर मत लिखना थोड़ी भी पाश्विकता।

                                       Mr. US Varma

©U.S. Varma

#LongRoad

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#कविता #Walk  जो बात तेरे दिल को भाय।
होठों पे तभी सजाना तुम।
जिस राह में शूल बिछे हो गर ।
चुनकर पुष्प बिछाना तुम।
राहगीर बनकर निकलो तो,
चींटी को भी नहीं सताना तुम।
गर मिले रुकावट चट्टानों की,
उसको अवश्य हटाना तुम।
अनुभव के जो पदचिन्ह मिले,
उन क़दमों पे जीवन भर चलना ।
देख सफलता गैर की तुम।
ईर्ष्या की आग में मत जलना।
मिले असफलता जीवन में ,
इस बात से कभी नहीं डरना।
बस ध्यान रहे इस समय चक्र का,
इक लम्हा भी व्यर्थ नहीं करना।
प्रकृति सा निश्छल प्रेम करो।
सागर सा गहरा धैर्य भरो।
नदिया सी निरंतरता हो पग पग में 
अम्बर सा विस्तार करो।
ऐसा कोई धर्म नहीं धरा पर,
जिसमे ऊँच नीच भेदभाव नहीं।
इंसानियत से बढ़कर सुन्दर ,
किसी धर्म की छाँव नहीं।

©U.S. Varma

#Walk

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#कविता #Isolation  हालातों से लड़ता हुआ, परिंदा हूँ मैं।
मेरी नाकामी का जश्न ना मनाओ, अभी जिन्दा हूँ मैं।
उठाया है कदम, तो मंजिल पाकर रहूँगा।
देखा है ख्वाब फलक का, तो जाकर रहूँगा।
लाख मुश्किलें आएँगी राहों में, मैं जानता हूँ।
पीछे हटते नहीं कदम उससे, जो ठानता हूँ।
फिर शोले हो, या कांटे बिछे हो डगर में।
हौसले इतने कमजोर नहीं की, फँस जाऊ  भॅवर में।
इस भीड़ को तैरकर पार करने का, तजुर्बा जानता हूँ।
मैं उस खेल में हारता नहीं, जो  दिल में ठानता हूँ।
हौसलों से उड़ता हुआ, परिंदा हूँ मैं।
मेरी नाकामी का जश्न न मनाओ, अभी जिन्दा हूँ मैं।

          पार्ट - 1
                                            US Varma

©U.S. Varma

#Isolation

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#शायरी #Path  बदलते हालातों से लड़ता हुआ परिंदा हूँ मैं।
मेरी नाकामी का जश्न न मनाओ अभी जिन्दा हूँ मैं।

©U.S. Varma

#Path

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