Jyoti Prakash

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Unsplash मैं आशा करता हूं कि मेरे मित्रों की लेखनी से यह अविरल धारा बहती रहे जो दबाए हुए हैं ह्रदय में एक भार को ये लेखनी कहती रहे जो रहते हैं मौन निरन्तर उनका मुख बनकर कहती रहे मैं आशा करता हूं कि मेरे मित्रों की लेखनी से यह अविरल धारा बहती रहे कहे ये कि जो कोई कह न सके देखे ये वो भी जो कोई देख न सके जो खुशी को चौगुनी करें दुःख की दवा करे मैं आशा करता हूं कि मेरे मित्रों की लेखनी से यह अविरल धारा बहती रहे आशाएं बहुत सी हैं मेरी, मेरे मित्रों की मेरे गाँव की,मेरे देश की और इस संसार की और वो भी है जो कहीं नहीं हैं। जो न होकर भी,"एक" होने की अनुभूति करता है मैं आशा करता हूं कि मेरे मित्रों की लेखनी से यह अविरल धारा बहती रहे मेरे कवि साथियों को समर्पित कहीं लेखन में भूल हुई हो या मेरी बात से किसी को पीड़ा हो उसके लिए क्षमा प्रार्थी हूं 🙏 ✍️ ज्योति प्रकाश ©Jyoti Prakash

#कविता #Jyotiprakash #English #library #Hindi  Unsplash मैं आशा करता हूं कि
 मेरे मित्रों की लेखनी से यह अविरल धारा बहती रहे
जो दबाए हुए हैं ह्रदय में एक भार को
ये लेखनी कहती रहे
जो रहते हैं मौन निरन्तर 
उनका मुख बनकर कहती रहे

मैं आशा करता हूं कि
 मेरे मित्रों की लेखनी से यह अविरल धारा बहती रहे

कहे ये कि जो कोई कह न सके 
देखे ये वो भी जो कोई देख न सके 
जो खुशी को चौगुनी करें 
दुःख की दवा करे 
मैं आशा करता हूं कि
 मेरे मित्रों की लेखनी से यह अविरल धारा बहती रहे

आशाएं बहुत सी हैं मेरी, मेरे मित्रों की
मेरे गाँव की,मेरे देश की और इस संसार की
और वो भी है जो कहीं नहीं हैं।
जो न होकर भी,"एक" होने की अनुभूति करता है 
मैं आशा करता हूं कि
 मेरे मित्रों की लेखनी से यह अविरल धारा बहती रहे 

मेरे कवि साथियों को समर्पित 

कहीं लेखन में भूल हुई हो
या मेरी बात से किसी को पीड़ा हो 
उसके लिए क्षमा प्रार्थी हूं 🙏

✍️ ज्योति प्रकाश

©Jyoti Prakash

Unsplash मेरा रैन बसेरा ये पत्तों की सरसराहट ये नदी का संगीत ये इन पहाड़ की चोटियों का नृत्य ये इनकी चहुं ओर फैली माला उस पर ये सूरज के नैन और वे देवदार के वृक्ष उस पर चंद्र की शीतल छाया और वहीं है, वहीं है मेरा रैन बसेरा अगर ढूंढना हो कभी मुझे तो मिल जाऊंगा मैं इन्ही के बीच में कहीं ©Jyoti Prakash

#कविता #Jyotiprakash #English #camping #Hindi  Unsplash मेरा रैन बसेरा 


ये पत्तों की सरसराहट
ये नदी का संगीत
ये इन पहाड़ की चोटियों का 
नृत्य
ये इनकी चहुं ओर फैली माला
उस पर ये सूरज के नैन
और वे देवदार के वृक्ष 
उस पर चंद्र की शीतल छाया


और वहीं है, वहीं है
मेरा रैन बसेरा 
अगर ढूंढना हो कभी मुझे
तो मिल जाऊंगा मैं 
इन्ही के बीच में कहीं

©Jyoti Prakash

Unsplash ये ही चाहत है कि लिखता रहूं दिन_रात मैं कभी धूप की रोशनी कभी सर्द बरसात में लिखता रहूं कि जो कभी कह न सका लिखता रहूं वो बात जो न आई कभी इस जुबां पे। ©Jyoti Prakash

#शायरी #Jyotiprakash #English #story #Hindi  Unsplash ये ही चाहत है कि लिखता रहूं 
दिन_रात मैं 
कभी धूप की रोशनी कभी 
सर्द बरसात में 
लिखता रहूं कि जो कभी 
कह न सका
लिखता रहूं वो बात जो
 न आई कभी इस 
जुबां पे।

©Jyoti Prakash

White मैं कहूं कि तुम चांद हो तो ये भी कम होगा तेरी आंखों का समंदर है तो सही कि ये भी कम न होगा ये इश्क़ है कि जां ले ले पर तू है कि जां देने नहीं देगा ©Jyoti Prakash

#शायरी #Jyotiprakash #Sad_Status #English #Hindi  White मैं कहूं कि तुम चांद हो
तो ये भी कम होगा 
तेरी आंखों का समंदर है तो सही
कि ये भी कम न होगा
ये इश्क़ है कि जां ले ले
पर तू है कि जां देने नहीं देगा

©Jyoti Prakash

White हमने कहा उन्हें कि कैद में ना रख मुझे खुला छोड़ ज़रा के देख ये आसमां पुकार रहा मुझे ©Jyoti Prakash

#शायरी #Jyotiprakash #Sad_Status #English #Hindi  White हमने कहा उन्हें कि कैद में 
ना रख मुझे 
खुला छोड़ ज़रा के देख ये आसमां 
पुकार रहा मुझे

©Jyoti Prakash

White वो कहें की मेरी दुनियां हो तुम आज तलाश में था मैं भी थीं कहां वो दुनियां वो शाम गुजरी गुजरी वो सुबह गया वो साया भी जो खत था कि मेरी परछाई हो तुम ©Jyoti Prakash

#हिंदी #शायरी #Jyotiprakash #GoodMorning #English  White वो कहें की मेरी दुनियां हो तुम
आज तलाश में था मैं भी
थीं कहां वो दुनियां 
वो शाम गुजरी
गुजरी वो सुबह 
गया वो साया भी
जो खत था कि मेरी परछाई 
हो तुम

©Jyoti Prakash
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