Unsplash मैं आशा करता हूं कि
मेरे मित्रों की लेखनी से यह अविरल धारा बहती रहे
जो दबाए हुए हैं ह्रदय में एक भार को
ये लेखनी कहती रहे
जो रहते हैं मौन निरन्तर
उनका मुख बनकर कहती रहे
मैं आशा करता हूं कि
मेरे मित्रों की लेखनी से यह अविरल धारा बहती रहे
कहे ये कि जो कोई कह न सके
देखे ये वो भी जो कोई देख न सके
जो खुशी को चौगुनी करें
दुःख की दवा करे
मैं आशा करता हूं कि
मेरे मित्रों की लेखनी से यह अविरल धारा बहती रहे
आशाएं बहुत सी हैं मेरी, मेरे मित्रों की
मेरे गाँव की,मेरे देश की और इस संसार की
और वो भी है जो कहीं नहीं हैं।
जो न होकर भी,"एक" होने की अनुभूति करता है
मैं आशा करता हूं कि
मेरे मित्रों की लेखनी से यह अविरल धारा बहती रहे
मेरे कवि साथियों को समर्पित
कहीं लेखन में भूल हुई हो
या मेरी बात से किसी को पीड़ा हो
उसके लिए क्षमा प्रार्थी हूं 🙏
✍️ ज्योति प्रकाश
©Jyoti Prakash
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